हिन्दू धर्मानुसार भगवान सूर्य देव एक मात्र ऐसे देव हैं जो साक्षात लोगों को दिखाई देते हैं। सूर्य देव का वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। इसके अलावा एक प्रत्यक्ष देव के रूप में सूर्य देव का वर्णन कई जगह किया गया है।
इनकी पत्नी का नाम अदिति और छाया है तथा उनके पुत्र शनि देव है जिन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। इन्हें कई नामों से जाना जाता है आइए मकर संक्रांति पर जाप करें सूर्य देव के 108 नाम अर्थ सहित:-
सूर्य देव के 108 नाम
1. अरुण: तांबे जैसे रंग वाला
2. शरण्य- शरण देने वाला
3. करुणारससिन्धु- करुणा-भावना के महासागर
4. असमानबल- असमान बल वाले
5. आर्तरक्षक- पीड़ा से रक्षा करने वाले
6. आदित्य- अदिति के पुत्र
7. आदिभूत- प्रथम जीव
8. अखिलागमवेदिन- सभी शास्त्रों के ज्ञाता
9. अच्युत- जिसता अंत विनाश न हो सके (अविनाशी)
10. अखिलज्ञ- सब कुछ का ज्ञान रखने वाले
11. अनन्त- जिसकी कोई सीमा नहीं है
12. इना- बहुत शक्तिशाली
13. विश्वरूप- सभी रूपों में दिखने वाला
14. इज्य- परम पूजनीय
15. इन्द्र- देवताओं के राजा
16. भानु- एक अद्भुत तेज के साथ
17. इन्दिरामन्दिराप्त- इंद्र निवास का लाभ पाने वाले
18. वन्दनीय- स्तुति करने योग्य
19. ईश- ईश्वर
20. सुप्रसन्न- बहुत उज्ज्वल
21. सुशील- नेक दिल वाला
22. सुवर्चस्- तेजोमय चमक वाले
23. वसुप्रद- धन दान करने वाले
24. वसु- देव
25. वासुदेव- श्री कृष्ण
26. उज्ज्वल- धधकता हुआ तेज वाला
27. उग्ररूप-क्रोध में रहने वाले
28. ऊर्ध्वग- आकार बढ़ाने वाला
29. विवस्वत-चमकता हुआ
30. उद्यत्किरणजाल- रोशनी की बढ़ती कड़ियों का एक जाल उत्पन्न करने वाले
31. हृषिकेश- इंद्रियों के स्वामी
32. ऊर्जस्वल- पराक्रमी
33. वीर- निडर
34. निर्जर- न बिगड़ने वाला
35. जय- जीत हासिल करने वाला
36. ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथी- बिना जांघों वाले सारथी
37. ऋषिवन्द्य- ऋषियों द्वारा पूजनीय
38. रुग्घन्त्र्- रोग विनाशक
39. ऋक्षचक्रचर- सितारों के चक्र के माध्यम से चलने वाले
40. ऋजुस्वभावचित्त- प्रकृति की वास्तविक शुद्धता को पहचानने वाले
41. नित्यस्तुत्य- प्रशस्त के लिए तैयार रहने वाला
42. ऋकारमातृकावर्णरूप- ऋकारा पत्र के आकार वाला
43. उज्ज्वल तेजस- दीप्ति वाला
44. ऋक्षाधिनाथमित्र- तारों के देवता के मित्र
45. पुष्कराक्ष- कमल नयन वाले
46. लुप्तदन्त- जिनके दांत नहीं हैं
47. शान्त- शांत रहने वाले
48. कान्तिद- सुंदरता के दाता
49. घन- नाश करने वाल
50. कनत्कनकभूष- तेजोमय रत्न वाले
51. खद्योत- आकाश की रोशनी
52. लूनिताखिलदैत्य- असुरों का नाश करने वाला
53. सत्यानन्दस्वरूपिण्- परमानंद प्रकृति वाले
54. अपवर्गप्रद- मुक्ति के दाता
55. आर्तशरण्य- दुखियों को अपने शरण में लेने वाले
56. एकाकिन त्यागी
57. भगवत- दिव्य शक्ति वाले
58. सृष्टिस्थित्यन्तकारिण- जगत को बनाने वाले, चलाने वाले और उसका अंत करने वाले
59. गुणात्मन- गुणों से परिपूर्ण
60. घृणिभृत- रोशनी को अधिकार में रखने वाले
61. बृहत्- बहुत महान
62. ब्रह्मण- अनन्त ब्रह्म वाला
63. ऐश्वर्यद- शक्ति के दाता
64. शर्व- पीड़ा देने वाला
65. हरिदश्वा- गहरे पीले के रंग घोड़े के साथ रहने वाला
66. शौरी- वीरता के साथ रहने वाला
67. दशदिक्संप्रकाश- दसों दिशाओं में रोशनी देने वाला
68. भक्तवश्य- भक्तों के लिए चौकस रहने वाला
69. ओजस्कर- शक्ति के निर्माता
70. जयिन- सदा विजयी रहने वाला
71. जगदानन्दहेतु- विश्व के लिए उत्साह का कारण बनने वाले
72. जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जित- युवा,वृद्धा, बचपन सभी अवस्थाओं से दूर रहने वाले
73. उच्चस्थान समारूढरथस्थ- बुलंद इरादों के साथ रथ पर चलने वाले
74. असुरारी- राक्षसों के दुश्मन
75. कमनीयकर- इच्छाओं को पूर्ण करने वाले
76. अब्जवल्लभ- अब्जा के दुलारे
77. अन्तर्बहिः प्रकाश- अंदर और बाहर से चमकने वाले
78. परम ज्योतिष- परम प्रकाश वाले
79. अहस्कर- दिन की शुरूआत करने वाले
80. सूर्य- शक्तिशाली और तेजस्वी
81. कवि- ज्ञानपूर्ण
82. नारायण- पुरुष की दृष्टिकोण वाले
83. परेश- उच्च देवता
84. तेजोरूप- आग जैसे रूप वाले
85. हिरण्यगर्भ्- संसार के लिए सोनायुक्त रहने वाले
86. सम्पत्कर- सफलता को बनाने वाले
87. अचिन्त्य- किसी बात की चिन्ता न करने वाले
88. आत्मरूपिण- आत्मा रूपी
89. अच्युत- अविनाशी रूप वाले
90. अमरेश- सदा अमर रहने वाले
91. ऐं इष्टार्थद- मन की इच्छा पूरी करने वाले
92. रवि- भभकने वाले
93. हरि- पाप को हटाने वाले
94. परमात्मन- अद्भुत आत्मा वाले
95. तरुण- हमेशा युवा रहने वाले
96. वरेण्य- उत्कृष्ट चरित्र वाला
97. ग्रहाणांपति- ग्रहों के देवता
98. भास्कर- प्रकाश के जन्म दाता
99. आदिमध्यान्तरहित- जन्म, मृत्यु, रोग आदि पर विजय पाने वाले
100.सौख्यप्रद- खुशी देने वाला
101.सकलजगतांपति- संसार के देवता
102.अं सुप्रसन्न- सबसे अधिक प्रसन्न रहने वाले
103.श्रीमत्- सदा यशस्वी रहने वाले
104.श्रेयस्- उत्कृष्ट स्वभाव वाले
105.सौख्यदायिन- प्रसन्नता के दाता
106.दीप्तमूर्ती- सदा चमकदार रहने वाले
107.निखिलागमवेद्य- सभी शास्त्रों के दाता
108.नित्यानन्द- हमेशा आनंदित रहने वाले।