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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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इस बार घर में ही मनेगी महावीर जयंती, देंगे अहिंसा का संदेश, करेंगे लॉकडाउन का पालन

इस बार घर में ही मनेगी महावीर जयंती, देंगे अहिंसा का संदेश, करेंगे लॉकडाउन का पालन
Mahavir Jayanti 2021
 
- राजश्री कासलीवाल 
 
रविवार, 25 अप्रैल को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती है। महावीर जयंती पर जैन मंदिरों को झंडे से सजाया जाता हैं। इस दिन महावीर स्वामी की मूर्तियों का मंत्रोच्चार द्वारा अभिषेक, पूजन किया जाता है, जुलूस निकाला जाता है। इस यात्रा में जैन धर्मावलंबी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। महावीर जयंती को महावीर स्वामी जन्म कल्याणक के नाम से भी जाना जाता है। जैन समाज द्वारा पूरे भारत में भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप मे 'महावीर जयंती' मनाई जाती है। चैत्र मास में चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को चौबीस तीर्थंकरों के अंतिम तीर्थंकर महावीर के जन्मदिवस के रूप में यह दिन प्रसिद्ध है। 
 
जैन समुदाय में यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जगह-जगह शोभा यात्राएं निकालकर भगवान महावीर के अहिंसा संदेश को घर-घर पहुंचाया जाता है। शोभा यात्रा में हर क्षेत्र से अलग-अलग झांकियां निकालकर महावीर स्वामी के संदेशों को जीवन में उतारने का प्रयास किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के संकट और लॉकडाउन के चलते त्योहार को सेलिब्रेट करने का तरीका बदल लिया है, इस बार लोग लॉकडाउन का पालन और स्टे होम करते हुए महावीर जयंती का पावन पर्व मनाएंगे। 
 
कोरोना के संकट के चलते पूरी दुनिया थम गई है। भारत में भी इसके संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र और अन्य राज्यों की सरकारों ने लॉकडाउन की घोषणा की है। सरकार सोशल डिस्टेंसिंग की अपील कर रही है, ताकि संक्रमण के खतरे को रोका जा सकें और लोग भीड़ के रूप में एकत्रित ना हो, लिहाजा सरकारों की ओर से धार्मिक आयोजन पर भी रोक लगाई गई है। इस संकट के काल में जहां जैन समुदाय के लोग घरों में ही भगवान महावीर की पूजा अर्चना करके लॉकडाउन का पालन करेंगे। इस दौरान हर घर-घर में ही महावीर स्वामी के संदेश सुनाई देंगे तथा घरों में ध्वजा लगाकर भगवान महावीर के अहिंसा संदेश को आत्मसात करते हुए यह पर्व मनाया जाएगा। लोग घरों में ही रहकर ही सभी परंपराओं का निर्वहन करेंगे। और दुनिया से कोरोना वायरस के शीघ्र ही खात्मे को लेकर भगवान महावीर से प्रार्थना करेंगे। 
 
कोरोना वायरस के चलते महावीर जयंती के मौके पर जहां सड़कें सुनसान दिखाई देगी, वहीं शोभा यात्रा, बैंड-बाजों की आवाज भी सुनाई नहीं देगी और ना ही जिनालयों में किसी भी प्रकार के विशेष कार्यक्रमों के आयोजन होगा। सभी जगहों पर भगवान महावीर स्वामी के 'जियो और जीने दो' के संदेश का पालन करके घरों में ही उत्साहपूर्वक यह पर्व मनाया जाएगा। महावीर स्वामी की जयंती पर शत्-शत् नमन। 
 
महावीर स्वामी की जय हो!

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