मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुबह 11.30 बजे इस पर सुनवाई होना है। 3 जजों की बैंच मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में भाजपा सरकार को बर्खास्त करते हुए 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई है। इस बीच अजित पवार के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
याचिका में इस बात का दावा किया गया है कि संख्याबल के आधार पर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सबसे बड़ा दल था और उन्हें ही सरकार बनाने का पहला मौका मिलना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। शिवसेना, एनसीपी की तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखेंगे। राज्यपाल की ओर से अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल राव पैरवी करेंगे।
शनिवार सुबह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल कई NCP विधायक शाम को फिर पार्टी की बैठक में शामिल हुए। पार्टी ने अजीत पवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था।
कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है। तीनों दलों का कहना है कि बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश कर रही है। कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर भेज रही है। जबकि एनसीपी और शिवसेना दोनों ने अपने विधायकों को मुंबई के ही होटलों में रखा है।