Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना' योजना विधानसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई है। योजना से महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है। इस गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) शिवसेना (Shinde) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) (अजीत गुट) शामिल हैं। एकनाथ शिंदे ने योजना को लेकर मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोंका है।
राजनीतिक विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि राज्य के कुल 9.70 करोड़ मतदाताओं में से 6.40 करोड़ मतदाताओं ने इस विधानसभा चुनाव में मताधिकार का प्रयोग किया और 6.40 करोड़ मतदाताओं में से 3.06 करोड़ महिलाएं और 3.34 करोड़ पुरुष थे। महायुति का महिला-समर्थक अभियान सफल रहा और महिलाएं बड़ी संख्या में मतदान करने आईं।
ALSO READ: कैलाश विजयवर्गीय बोले- देवेंद्र फडणवीस बनें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
विशेषज्ञों ने कहा कि विपक्ष द्वारा इसे महिलाओं के लिए 'रिश्वत' करार दिए जाने के बावजूद महायुति ने राज्यभर में समारोह आयोजित करके इस योजना को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए। 2 करोड़ 36 लाख से अधिक पात्र महिला लाभार्थियों में से प्रत्येक को 7,500 रुपए (जुलाई से नवंबर तक 5 महीने के लिए 1,500 रुपए प्रत्येक) मिले और उन्होंने महायुति का भारी समर्थन किया।
दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा महालक्ष्मी योजना के तहत 4,000 रुपए मासिक सहायता देने के वादे ने महिला मतदाताओं को ज्यादा उत्साहित नहीं किया। शिंदे ने भी अपनी प्रतिक्रिया में स्वीकार किया है कि 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना' ने महायुति के लिए चमत्कार किया है जिसके परिणामस्वरूप शानदार प्रदर्शन हुआ है।
ALSO READ: शाह ने महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत पर जताया आभार
1.2 लाख मतों से जीती कोपरी-पचपाखडी विधानसभा सीट : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को ठाणे में कोपरी-पचपाखडी विधानसभा सीट से 1.2 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की। शिंदे की पार्टी शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है।
मुंबई से सटे अपने गृह क्षेत्र ठाणे में काफी प्रभाव रखने वाले शिंदे को 1,59,060 वोट मिले, जो कुल पड़े वोट का 78.4 प्रतिशत है। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (उबाठा) के उम्मीदवार केदार दिघे को 38,343 वोट मिले। केदार दिघे शिंदे के राजनीतिक गुरु दिवंगत आनंद दिघे के भतीजे हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में शिंदे ने कांग्रेस के संजय घाडीगांवकर को 89,000 से अधिक मतों से हराया था।
ALSO READ: महाराष्ट्र चुनाव में जीत के बाद मोहित कम्बोज ने देवेंद्र फडणवीस को उठाया गोद में
शिंदे ने 2022 में तत्कालीन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था जिससे बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन हो गया था। शिंदे बाद में भाजपा के साथ मिलकर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। शिवसेना में इस विभाजन के बाद शिंदे गुट को पार्टी का नाम और इसका चुनाव चिह्न 'धनुष-बाण' मिल गया था।
अजित ने गुलाबी थीम को दिया श्रेय : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को विधानसभा चुनावों में महायुति के शानदार प्रदर्शन का श्रेय पार्टी के गुलाबी थीम वाले अभियान को दिया। पवार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया, 'महाराष्ट्र ने गुलाबी रंग चुना।'(इनपुट भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
Edited by: Ravindra Gupta