Mahabharat : कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ था। महाभारत में महिलाओं के हजारों किस्से और कहानियां हैं। महाभारत में यूं तो हर महिला के साथ कुछ न कुछ तो अन्याय हुआ ही है लेकिन 5 ऐसी महिलाएं थीं जिनके साथ घोर अन्याय हुआ था और अंत में उन्होंने अपने लिए न्याय की लड़ाई लड़कर अपनी मनमर्जी का मुकाम हासिल किया। आओ जानते हैं इन महिलाओं के बारे में संक्षिप्त में जानकारी।
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1. अम्बा : अम्बा, अम्बालिका और अम्बिका ये काशीराज की तीन पुत्रियां थीं। विचित्रवीर्य के युवा होने पर भीष्म ने बलपूर्वक काशीराज की 3 पुत्रियों का हरण कर लिया और वे उसका विवाह विचित्रवीर्य से करना चाहते थे, क्योंकि भीष्म चाहते थे कि किसी भी तरह अपने पिता शांतनु का कुल बढ़े। लेकिन बाद में बड़ी राजकुमारी अम्बा को छोड़ दिया गया, क्योंकि वह शाल्वराज को चाहती थी। अन्य दोनों (अम्बालिका और अम्बिका) का विवाह विचित्रवीर्य के साथ कर दिया गया। बाद में शाल्वराज ने अम्बा से विवाह करने से इनकार कर दिया तो अम्बा भीष्म के पास आई परंतु भीष्म ने भी ठुकरा दिया। फिर यह अंबा न्याय के लिए परशुराम के पास गई परंतु परशुराम कुछ नहीं कर सके क्योंकि भीष्म उनके शिष्य थे। तब अंबा ने भगवान शंकर का तप किया तो उन्होंने कहा कि भीष्मा के वध का कारण तुम बनोगी। फिर अंबा ने अपने प्राण त्याग दिए और वह शिखंडी के रूप में जन्मीं।
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2. गांधारी : कहते हैं कि गांधारी ने धृतराष्ट्र से मजबूरीवश विवाह किया था। इसका कारण भीष्म थे। धंधे महाराज धृतराष्ट्र के लिए भीष्म ने गांधार नरेश की राजकुमारी का बलपूर्वक विवाह धृतराष्ट्र से कराया था। गांधारी यह नहीं चाहती थी इसलिए उन्होंने भी अपनी आंखों पर हमेशा के लिए पट्टी बांध ली। धृतराष्ट्र, शकुनी और दुर्योधन के आगे गांधारी की एक नहीं चलती थी। वह हमेशा दुखी ही रही।
3. भानुमति : भानुमती काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। भानुपति बहुत ही सुंदर, आकर्षक, बुद्धिमान और ताकतवर थी। उसकी सुंदरता और शक्ति के किस्से प्रसिद्ध थे। यही कारण था कि भानुमती के स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र, कर्ण आदि राजाओं के साथ दुर्योधन भी गया हुआ था। कहते हैं कि भानुमति दुर्योधन से विवाह नहीं करना चाहती थी, लेकिन मजबूरन उसे विवाह करना पड़ा। दुर्योधन की पत्नी भानुमती युद्ध कला, शतरंज और कुश्ती में पारंगत थी। कहते हैं कि एक दिन उसने कुश्ती में दुर्योधन को भी पटकनी दे दी थी। भानुमती के कारण ही यह मुहावरा बना है- कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा। भानुमती बेहद ही सुंदर, आकर्षक, तेज बुद्धि और शरीर से काफी ताकतवर थी। गंधारी ने सती पर्व में बताया है की भानुमती दुर्योधन से खेल-खेल में ही कुश्ती करती थी जिसमें दुर्योधन उससे कई बार हार भी जाता था।
कहते हैं कि जब भानुमती हाथ में माला लेकर अपनी दासियों और अंगरक्षकों के साथ दरबार में आई और एक-एक करके सभी राजाओं के पास से गुजरी, तो वह दुर्योधन के सामने से भी गुजरी। दुर्योधन चाहता था कि भानुमती माला उसे पहना दें लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दुर्योधन के सामने से भानुमती आगे बढ़ गई। दुर्योधन ने क्रोधित होकर तुरंत ही भानुमती के हाथ से माला झपटकर खुद ही अपने गले में डाल ली। इस दृष्य को देखकर सभी राजाओं ने तलवारें निकाल लीं। ऐेसी स्थिति में दुर्योधन ने भानुमती का हाथ पकड़ा और वह उसे महल के बाहर ले जाते हुए सभी योद्धाओं से बोला, कर्ण को परास्त करके मेरे पास आना। अर्थात उसने सब योद्धाओं से कर्ण से युद्ध की चुनौती दी जिसमें कर्ण ने सभी को परास्त कर दिया। इस तरह दुर्योधन ने भानुमती के साथ जबरन विवाह कर लिया।
4. द्रौपदी : कहते हैं कि द्रौपदी का जन्म यज्ञ से हुआ था इसीलिए उसे याज्ञनी कहा जाता था। द्रौपदी को पंचकन्याओं में शामिल किया गया है। पुराणानुसार पांच स्त्रियां विवाहिता होने पर भी कन्याओं के समान ही पवित्र मानी गई है। अहिल्या, द्रौपदी, कुन्ती, तारा और मंदोदरी। द्रौपदी ने कर्ण और दुर्योधन को अपमानित किया था जिसके बदले में जयद्रथ और दुर्योधन ने द्रौपदी को अपमानित किया। लेकिन द्रौपदी की एक सबसे बड़ी गलती यह थी कि उसने पांचों पांडवों के साथ विवाह करने को मंजूरी दे दी। दरअस्ल, अर्जुन ने स्वयंवर की प्रतियोगिता को जीत लिया था लेकिन किन्हीं भी परिस्थितियों में द्रौपदी यदि पांचों पांडवों की पत्नी बनना स्वीकार नहीं करती तो आज इतिहास कुछ ओर होता। द्रौपदी कुंति के कहने या स्वयंवर के बाद युधिष्ठिर और वेद व्यासजी के कहने पर पांचों से विवाह करना स्वीकार किया था। यदि द्रौपदी ऐसा नहीं करती तो वह सिर्फ अर्जुन की ही पत्नी होती। यह भी कि यदि वह पांचों से ही विवाह नहीं करती तो फिर संभवत: वह कर्ण की पत्नी होती। तब महाभारत कुछ और होती।
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5. कुंती : कुंती को यह वरदान था कि वह किसी भी देवता को बुलाकर उनके साथ नियोग कर सकती थी। इस विद्या को उसने माद्री को भी सीखा दिया था। जिसके चलते माद्री को नकुल और सहदेव नामक दो पुत्र मिले और कुंति के पुत्र कर्ण, युद्धिष्ठिर, अर्जुन और भीम थे। कुंती वसुदेवजी की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं। यह शरीरिक और मानसिक रूप बहुत शक्तिशाली थीं और इनके सपोर्ट में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थें। गांधारी के बाद कुंती थीं जो सबसे शक्तिशाली महिला थीं।
- Anirudh Joshi