Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कर्ण और अश्वत्‍थामा में से कौन था सबसे शक्तिशाली?

Karna and Ashwatthama

WD Feature Desk

, बुधवार, 3 जुलाई 2024 (17:34 IST)
Karna and Ashwatthama
Mahabharata War: महाभारत युद्ध में कर्ण और अश्‍वत्थामा दो ऐसे योद्धा थे जो चाहते तो पांडवों को पहले दिन ही हरा देते या बंधक बना लेते, लेकिन कहते हैं कि जो सच के मार्ग पर हो और जिसके साथ भगवान हो तो उसे कौन हरा सकता है? कर्ण और अश्वत्‍थामा दोनों ही महाशक्तिशाली योद्धा थे। आओ जानते हैं इन दोनों में कौन सबसे शक्तिशाली था। अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे और कर्ण उनसे धनुष सिखना चाहता था लेकिन द्रोणाचार्य ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि मैं सिर्फ राजपुत्रों को ही विद्या सिखाने के प्रति प्रतिबद्ध हूं। इस प्रसंग के बाद भी कर्ण और अश्वत्थामा में गहरी मित्रता थी।ALSO READ: रामायण और महाभारत के योद्धा अब कलयुग में क्या करेंगे?
 
1. सूर्यपुत्र कर्ण और द्रोण पुत्र अश्‍वत्‍थामा में गहरी मित्रता थी। वे दोनों साथ साथ आखेट करते थे और कई मामलों में वे साथ ही रहते थे। 
 
2. कर्ण के पास जहां दिव्य कवच और कुंडल था, वहीं अश्वत्थामा के माथे पर वह दिव्य मणि थी जो उसे अजर अमर और अपराजेय बनाती थी।
 
3. महाभारत के युद्ध में अश्‍वत्‍थामा ने ही एक बार कर्ण को बचाया था। एक बार अश्वत्थामा की रक्षा के लिए भी कर्ण ने अपना खास हथियार चलाया था।
 
4. कर्ण ने भगवान परशुराम को ज्ञात हर हथियार सीखा था और इसलिए उसके पास अश्वत्थामा से ज़्यादा दिव्य हथियार थे। ALSO READ: दुर्योधन नहीं ये योद्धा था कर्ण का सबसे खास मित्र, दोनों ने कोहराम मचा दिया था महाभारत में
 
5. दोनों को ही ब्रह्मास्त्र चलाते याद था, लेकिन कर्ण को परशुराम ने यह श्राप दिया था कि जब तुझे इस अस्त्र की आवश्यकता होगी तो तू इस विद्या को भूल जाएगा और दूसरी ओर अश्वत्‍थामा ब्रह्मास्त्र चलाना तो जानता था लेकिन उसे वापस लेना नहीं जानता था।
webdunia
6 कर्ण ने कुश्ती में जरासंध को हरा दिया था। कर्ण ने अपने धनुष की नोक से 10000 हाथियों वाले भीम को कुरुक्षेत्र में घसीटा था। लेकिन अश्‍वत्‍थामा में इतना बल नहीं था।
 
7. श्रीकृष्ण ने स्वयं 2 बार उल्लेख किया है कि घटोत्कच के अलावा कोई भी इतना शक्तिशाली नहीं था कि वह रात में कर्ण का सामना कर सके, अश्वत्थामा ने एक बार घटोत्कच को हराया था लेकिन जब घटोत्कच अपने सर्वश्रेष्ठ पर था और माया शुरू कर दी थी, तो अश्वत्थामा और द्रोण को केवल एक वार से हरा दिया था। ALSO READ: Mahabharat : विदुर ने भीष्म और श्रीकृष्‍ण ने कर्ण को ऐसा रहस्य बताया कि बदल गई महाभारत
 
8. बाद में दुर्योधन ने घबराकर कर्ण से घटोत्कच पर अपना अमोघ अस्त्र चलाने को कहा था। इंद्र से प्राप्त कर्ण ने उस अचूक अस्त्र को अर्जुन के लिए बचाकर रखा था जिसे वह एक बार ही इस्तेमाल कर सकता था। लेकिन घटोत्कच ने त्राही त्राही मचा रखी थी तब कर्ण को मजबूरन उस पर यह अस्त्र चलाना पड़ा था।  
 
9. अश्वत्थामा को युद्ध में अजेय माना जाता था और युद्ध के मैदान में कई योद्धा उनसे डरते थे। कर्ण शक्तिशाली होते हुए भी अजेय नहीं था। अश्वत्‍थामा को मारना नामुमकी था लेकिन कर्ण को अर्जुन ने मार दिया था।
 
10. कर्ण के पास इंद्र, भगवान शिव और उनके पिता सूर्य द्वारा दिए गए दिव्य हथियार थे, जो उन्हें युद्ध में एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी बनाते थे। अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे और उन्हें दिव्य हथियारों के इस्तेमाल में उनकी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता था और विशेष रूप से ब्रह्मास्त्र के इस्तेमाल में कुशल थे, जो व्यापक विनाश करने में सक्षम एक शक्तिशाली हथियार था।
webdunia
11. कर्ण शक्तिशाली होते हुए भी अश्वत्थामा को हरा नहीं सकता था। ऐसा इसलिए क्योंकि अश्वत्थामा को अमर होने का वरदान प्राप्त था और उसके सिर पर एक शक्तिशाली मणि भी थी जिसे केवल देवता और वह स्वयं ही निकाल सकते थे।
 
12. कर्ण एकमात्र ऐसा व्यक्ति था जिसने अंतिम युद्ध के दौरान अर्जुन को 4-5 बार परास्त किया। अर्जुन उसे निष्पक्ष रूप से नहीं मार सका और इसलिए, वह निहत्थे होने पर मारा गया। ALSO READ: Mahabharat : विदुर ने भीष्म और श्रीकृष्‍ण ने कर्ण को ऐसा रहस्य बताया कि बदल गई महाभारत
 
13. कर्ण और अश्वत्थामा दोनों के पास अमरता का स्रोत था। कर्ण के पास उसका कवच और अश्वत्थामा के पास उसकी मणि। कर्ण ने अपना कवच खो दिया और फिर भी वह अश्वत्थामा से अधिक शक्तिशाली था। सोचो क्या होगा अगर अश्वत्थामा ने अपनी मणि खो दी होती?

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

प्रवचनकारों, कथावाचकों और बाबाओं पर क्या कहते हैं हिंदू शास्त्र?