Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

स्वर्ग के रास्ते में पांच पांडवों में से कब, कौन, किस पाप के कारण नीचे गिरा, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
महाभारत के युद्ध की समाप्ति के बाद सभी पांडव सशरीर स्वर्ग गए थे। स्वर्ग अर्थात हिमालय के किसी क्षेत्र में जहां इंद्रादि का राज्य था। पांचों पांडव अपना राजपाट परीक्षित को सौंपकर जब स्वर्ग की कठिन यात्रा कर रहे थे तब इस यात्रा में द्रौपदी भी उनके साथ गई थी। सभी चाहते थे कि हम सशरीर स्वर्ग पहुंचें। परंतु रास्ते में कुछ ऐसा घटा कि एक एक करके पांडव नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हो गए।
 
 
यात्रा के दौरान जब पांडव ब्रदीनाथ पहुंचें और वहां से आगे बढ़े तो सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर नदी को पार करना द्रौपदी के लिए कष्टकर हो गया था। ऐसे समय में भीम ने एक बड़ा सा चट्टान उठाकर नदी के बीच में डाल दिया। द्रौपदी ने इस चट्टान पर चलकर सरस्वती नदी को पार किया था। कहते हैं कि माणा गांव में सरस्वती के उद्गम पर आज भी इस चट्टान को देखा जा सकता है। इसे वर्तमान में भीम पुल कहा जाता है।
 
हालांकि महाभारत की कथा अनुसार पांचों पांडव, द्रौपदी तथा एक कुत्ता आगे चलने लगे। एक जगह द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर पड़ी। द्रौपदी को गिरा देख भीम ने युधिष्ठिर से पूछा कि द्रौपदी ने कभी कोई पाप नहीं किया, तो फिर क्या कारण है कि वह नीचे गिर पड़ी? युधिष्ठिर ने कहा- द्रौपदी हम सभी में अर्जुन को अधिक प्रेम करती थीं। इसलिए उसके साथ ऐसा हुआ। ऐसा कहकर युधिष्ठिर द्रौपदी को देखे बिना ही आगे बढ़ गए।
 
जनश्रुति के अनुसार स्वर्ग यात्रा के दौरान द्रौपदी भीम का सहारा लेकर चलने लगी लेकिन द्रौपदी भी ज्यादा दूर नहीं चल पाई और वह भी गिरने लगी। ऐसे समय भीम ने द्रौपदी को संभाला। उस समय द्रौपदी ने कहा- सभी भाइयो में भीम ने ही मुझे सबसे ज्यादा प्यार किया है और मैं अगले जन्म में फिर से भीम की पत्नी बनना चाहूंगी।
 
थोड़ी देर बाद सहदेव भी गिर पड़े। तब भीम ने पूछा सहदेव क्यों गिरा? युधिष्ठिर ने कहा- सहदेव किसी को अपने जैसा विद्वान नहीं समझता था, इसी दोष के कारण गिरना पड़ा। कुछ देर बाद नकुल भी गिर पड़े। भीम के पूछने पर युधिष्ठिर ने बताया कि नकुल को अपने रूप पर बहुत अभिमान था। इसलिए आज इसकी यह गति हुई है।
 
थोड़ी देर बाद अर्जुन भी गिर पड़े। युधिष्ठिर ने भीम से कहा- अर्जुन को अपने पराक्रम पर अभिमान था। अर्जुन ने कहा था कि मैं एक ही दिन में शत्रुओं का नाश कर दूंगा, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए। अपने अभिमान के कारण ही अर्जुन की आज यह हालत हुई है। ऐसा कहकर युधिष्ठिर आगे बढ़ गए।
 
थोड़ी आगे चलने पर भीम भी गिर गए। तब भीम ने गिरते वक्त युधिष्ठिर से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि तुम खाते बहुत थे और अपने बल का झूठा प्रदर्शन करते थे। इसलिए तुम्हें आज भूमि पर गिरना पड़ा। यह कहकर युधिष्ठिर आगे चल दिए। केवल वह कुत्ता ही उनके साथ चलता रहा।
 
युधिष्ठिर कुछ ही दूर चले थे कि उन्हें स्वर्ग ले जाने के लिए स्वयं देवराज इंद्र अपना रथ लेकर आ गए। तब युधिष्ठिर ने इंद्र से कहा- मेरे भाई और द्रौपदी मार्ग में ही गिर पड़े हैं। वे भी हमारे हमारे साथ चलें, ऐसी व्यवस्था कीजिए। तब इंद्र ने कहा कि वे सभी शरीर त्याग कर पहले ही स्वर्ग पहुंच चुके हैं लेकिन आप सशरीर स्वर्ग में जाएंगे।
 
इंद्र की बात सुनकर युधिष्ठिर ने कहा कि यह कुत्ता भी मेरे साथ जाएगा लेकिन इंद्र ने ऐसा करने से मना कर दिया। काफी देर समझाने पर भी जब युधिष्ठिर बिना कुत्ते के स्वर्ग जाने के लिए नहीं माने तो कुत्ते के रूप में यमराज अपने वास्तविक रूप में प्रकट हो गए। युधिष्ठिर को अपने धर्म में स्थित देखकर यमराज खुश हुए। इसके बाद इंद्र और युधिष्ठिर रथ में बैठाकर स्वर्ग की ओर निकल पड़े।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

આગળનો લેખ
Show comments