Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

भगवान श्रीकृष्ण ने जिंदा कर दिया था इन 9 लोगों को

भगवान श्रीकृष्ण ने जिंदा कर दिया था इन 9 लोगों को

अनिरुद्ध जोशी

भगवान श्रीकृष्ण पूर्णावतार थे। उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार किए। उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों की जान ही नहीं बचाई जबकि उन्होंने आठ मृतकों को जीवित कर दिया था।
 
 
1. भगवान श्रीकृष्ण उज्जैन में सांदीपति आश्रम में पढ़ते थे। उनके गुरु सांदीपनि ने उन्हें वेदों के साथ ही कई तरह की विद्याएं भी सिखाई थी। जब गुरु दक्षिणा देने का समय आया तो उनके गुरु ने कहा कि मेरे पुत्र को एक अनुसार उठाकर ले गया है उसे वापस ला दो। कृष्ण ने उसकी समुद्र में खोज की तब पता चला कि उनका पुत्र तो यमलोक पहुंच गया है। अर्थात वह मर गया है। ऐसे में श्रीकृष्ण अपने गुरु को दिए हुए वचन को पूरा करने के लिए उनके पुत्र को यमलोक से भी ले आते हैं।
 
 
2- बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि श्री कृष्ण ने अपनी माता देवकी के छह मरे हुए पुत्रों को भी वापस बुलाया था। श्री कृष्ण ने देवकी-वासुदेव की मुलाकात उनके छह मृत बच्चों से करवाई थी। यह छह बच्चे हिरणकश्यप के पोते थे और एक शाप में जी रहे थे।
 
 
3.अर्जुन की 4 पत्नियां थीं द्रौपदी, सुभद्रा, उलूपी और चित्रांगदा। द्रौपदी से श्रुतकर्मा और सुभद्रा से अभिमन्यु, उलूपी से इरावत, चित्रांगदा से वभ्रुवाहन नामक पुत्रों की प्राप्ति हुई। एक बार यधिष्ठिर ने अश्वमेघ यज्ञ किया। यज्ञ का घोड़ा लेकर अर्जुन पूर्वी भारत के लिए निकला। वह घोड़ा घूमते-घूमते मणिपुर जा पहुंचा वहां उसका सामना मणिपुर नरेश वभ्रुवाहन से हुआ। वभ्रुवाहन ने घोड़े को रोक दिया। वहां दोनों का युद्ध हुआ। कहते हैं कि युद्ध में अर्जुन मारा गया था। तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन की पत्नी उलूपी की नागमणि से उसे जिंदा कर दिया था।

 
 
4.अर्जुन की पत्नी सुभद्रा से अभिमन्यु का जन्म हुआ। अभिमन्यु का विवाह महाराज विराट की पुत्री उत्तरा से हुआ। महाभारत युद्ध में अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुए। जब महाभारत का युद्ध चल रहा था, तब उत्तरा गर्भवती थी। उसके पेट में अभिमन्यु का पुत्र पल रहा था। द्रोण पुत्र अश्वत्थामा ने यह संकल्प लेकर ब्रह्मास्त्र छोड़ा था कि पांडवों का वंश नष्ट हो जाए।
 
 
ऐसा भी कहा जाता है कि द्रोण पुत्र अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र प्रहार से उत्तरा ने मृत शिशु को जन्म दिया था किंतु भगवान श्रीकृष्ण ने अभिमन्यु-उत्तरा पुत्र को ब्रह्मास्त्र के प्रयोग के बाद भी फिर से जीवित कर दिया। यही बालक आगे चलकर राजा परीक्षित नाम से प्रसिद्ध हुआ। हालांकि यह भी कहा जाता है कि उन्होंने उस पुत्र को मरने से बचा लिया था।
 
 
ऐसे कई उदाहरण हैं जबकि भगवान कृष्ण ने लोगों को फिर से जीवित कर दिया था। भीम पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की गर्दन कटी होने के बावजूद श्रीकृष्ण ने उसे महाभारत युद्ध की समाप्ति तक जीवित रखा था। यह बहुत बड़ा चमत्कार था। आज उसी बर्बरीक को खाटू श्‍याम बाबा के नाम से पूजा जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

श्री कृष्ण चालीसा : जन्माष्टमी पर इसे पढ़ने से मिलेंगे 10 बड़े लाभ