Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

महाभारत में जब 'अश्वत्थामा मारा गया' यह कहा गया, जीत कर भी हार गए पांडव

महाभारत में जब 'अश्वत्थामा मारा गया' यह कहा गया, जीत कर भी हार गए पांडव

अनिरुद्ध जोशी

, सोमवार, 4 मई 2020 (14:59 IST)
भीष्म के शरशय्या पर लेटने के बाद ग्यारहवें दिन के युद्ध में कर्ण के कहने पर द्रोण सेनापति बनाए जाते हैं। अश्वत्थामा के पिता द्रोण की संहारक शक्ति के बढ़ते जाने से पांडवों के ‍खेमे में दहशत फैल जाती है। पिता-पुत्र मिलकर महाभारत युद्ध में पांडवों की हार सुनिश्चित कर देते हैं। पांडवों की हार को देखकर श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से भेद का सहारा लेने को कहा।
 
इस योजना के तहत युद्ध में यह बात फैला दी गई कि 'अश्वत्थामा मारा गया', लेकिन युधिष्‍ठिर झूठ बोलने को तैयार नहीं थे। तब अवंतिराज के अश्‍वत्थामा नामक हाथी का भीम द्वारा वध कर दिया गया। इसके बाद युद्ध में यह बात फैला दी गई कि 'अश्वत्थामा मारा गया'।
 
जब गुरु द्रोणाचार्य ने धर्मराज युधिष्ठिर से अश्वत्थामा के मारे जाने की सत्यता जानना चाही तो उन्होंने जवाब दिया- 'अश्वत्थामा मारा गया, परंतु हाथी।' श्रीकृष्ण ने उसी समय शंखनाद किया जिसके शोर के चलते गुरु द्रोणाचार्य आखिरी शब्द ' परंतु हाथी' नहीं सुन पाए और उन्होंने समझा मेरा पुत्र मारा गया। यह सुनकर उन्होंने शस्त्र त्याग दिए और युद्ध भूमि में आंखें बंद कर शोक में डूब गए। 
 
यही मौका था जबकि द्रोणाचार्य को निहत्था जानकर द्रौपदी के भाई धृष्टद्युम्न ने तलवार से उनका सिर काट डाला। यह युद्ध की सबसे भयंकर घटना थी।
 
जब अश्‍वत्थामा को इस छल का पता चला तो उसके दुख और क्रोध की कोई सीमा नहीं थी। अश्‍वत्थामा ने प्रण लिया कि मैं पांडवों के किसी भी पुत्र को जीवित नहीं रहने दूंगा। मेरे पिता को छल से मारा है। युद्ध के अंत में अश्‍वत्थामा कोरराम मचा देता है। अश्‍वत्थामा के कारण ही पांडव युद्ध जीत कर भी हार जाते हैं, क्योंकि वह द्रौपदी के सारे पुत्रों का वध कर देता है और लगभग पांडवों की सेना का संहार कर देता है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मंगल का राशि परिवर्तन : 18 जून तक मंगल रहेंगे कुंभ में,क्या हलचल होगी आपके जीवन में