Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

भोपाल में बेरोजगारी ने फिर परिवार को किया तबाह,डिप्रेशन के चलते युवक ने किया सुसाइड

आत्महत्या की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना खतरनाक: मनोचिकित्सक

भोपाल में बेरोजगारी ने फिर परिवार को किया तबाह,डिप्रेशन के चलते युवक ने किया सुसाइड

विकास सिंह

, गुरुवार, 2 सितम्बर 2021 (18:00 IST)
भोपाल। राजधानी भोपाल में एक सप्ताह के अंदर बेरोजगारी ने एक और परिवार को तबाह कर दिया। जहांगीराबाद इलाके में रहने वाले युवक ने खुद का गला काटकर सुसाइड कर लिया। पुलिस के मुताबिक मृतक जुबैर पिछले काफी लंबे समय से बेरोजगार था और डिप्रेशन में था। डिप्रेशन दूर करने के लिए वह शराब का आदी भी हो गया। बुधवार रात जुबैर ने अपने घर में भी सब्जी काटने वाले चाकू से अपना गला काट लिया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। 
 
मृतक जुबैर आइसक्रीम फैक्टरी में काम करता था लेकिन कोरोना के चलते फैक्टरी बंद होने से वह बेरोजगार हो गया था। सुसाइड से पहले जुबैर को उसकी पत्नी और बहनों ने समझाया भी था लेकिन वह बात सुनने के बाद भी उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। घटना के वक्त भी जुबैर ने शराब भी रखी थी। मृतक अपने घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था।  
 
गौरतलब है कि राजधानी भोपाल में बीते शनिवार को मिसरोध थाना इलाके में सिविल इंजीनियर रवि ठाकरे ने बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के चलते बेटी और बेटे का गला काट कर खुद जहर पीकर सुसाइड कर लिया था। 
 
सुसाइड के मामलोंं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना खतरनाक- मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि कोरोनाकाल में लोगों की आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है। नौकरी खोने के बाद असुरक्षा की वजह से लोग बड़ी संख्या में डिप्रेशन में है और सुसाइड जैसे आत्मघाती कदम उठा रहे है। कोरोना ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है इसलिए सरकार को अब इस ओर ध्यान देना चाहिए। 
 
वहीं डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहते है कि आत्महत्या की घटनाओं को रिपोर्टिंग के माध्यम से जिस तरह बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है उसका भी बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग के साथ-साथ जागरुकता और आत्महत्या रोकथाम संबंधी बातों का भी उल्लेख करना चाहिए। 

डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि कोरोना काल में जिस तरह से आत्महत्या के मामले  बढ़े है उससे आज जरुरत इस बात की है कि सरकार को तत्काल आत्महत्या रोकथाम नीति लाने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए नहीं तो आने वाले वक्त में हालात बहुत ही चिंताजनक हो सकते है। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

भारतीय विदेश मंत्रालय को नहीं पता, अफगानिस्तान में कैसी सरकार बनेगी