बिजली संकट पर ‘अपनों’ के निशाने पर शिवराज सरकार, गृह मंत्री की बिजली संकट की बात को ऊर्जा मंत्री ने नकारा
, मंगलवार, 31 अगस्त 2021 (16:34 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली को लेकर भाजपा विधायकों के आरोपों के बाद अब बिजली संकट को लेकर अब सरकार के ही दो मंत्री आमने सामने आ गए है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में माना कि प्रदेश में बिजली का संकट है। हलांकि उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में बिजली की समस्या स्थायी नहीं है, बिजली संयंत्रों में कोयला की सप्लाई बाधित होने और बारिश की कमी से तकनीकी दिक्कतें आई है। सरकार जल्द ही पहले की तरह बिजली की सुचारु आपूर्ति बहाल करने का प्रयास कर रही है।
वहीं दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने बिजली कटौती के आरोपों से साफ इंकार कर दिया। ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा कि प्रदेश में बिजली का कोई संकट नहीं है और कहीं भी बिजली कटौती नहीं की जा रही है। उन्होंने भाजपा विधायकों के बिजली कटौती के आरोपों को नकारते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कोई भी विधायक बता दें किसके यहां 18 से 20 घंटे की कटौती हो रही हो मैं खुद मौके पर जाकर देखूंगा। वहीं किसी भी विधायक के बिजली कटौती के सबूत देने पर तत्काल कार्रवाई होगी। जनता की सेवा में कोई कमी रह गई तो मंत्री हो या अधिकारी पद पर नहीं रहेगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कोयला खदानों में बारिश का पानी भरने और मेंटेनेंस के चलते कहीं-कहीं एक से दो घंटे की कटौती की गई थी। वहीं ऊर्जा मंत्री ने इन आरोपों से इंकार कर दिया कि बिजली कंपनियों द्वारा कोयला भुगतान नहीं किए जाने पर कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में बिजली संकट को लेकर भाजपा विधायकों ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करना शुरु कर दिया है। टीकमगढ़ से भाजपा विधायक राकेश गिरी ने बिजली संकट के मुद्दें पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा कहा कि 12 से 15 घंटे बिजली बंद होने से किसान परेशान हैं। बिजली कटौती के चलते किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी बिजली संकट को लेकर अपनी ही सरकार के मंत्री को घेर चुके है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी झूठी जानकारी दे रहे हैं। इस मुद्दे पर BJP को बड़ा नुकसान होगा। समूचे विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। किसान, व्यापारी, आम आदमी को बिजली नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को इस मामले को खुद देखना चाहिए। त्रिपाठी ने 4 सितंबर को विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर आंदोलन करने का ऐलान भी किया है।
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