भोपाल। मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक फिर से आंदोलन की राह पर हैं। नए शिक्षण सत्र में नियुक्ति में अनुभव को वरीयता नहीं दिए जाने पर अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश भर से आए अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले का घेराव किया और जम कर नारेबाजी की।
आंदोलन कर रहे शिक्षकों की मांग थी कि सरकार को नए सत्र में नियुक्ति में पुराने अतिथि शिक्षकों को वरीयता देना चाहिए साथ ही अनुभव के आधार पर मैरिट बनाना चाहिए न कि नंबरों के आधार पर।
वेबदुनिया से बातचीत में धरना दे रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में अतिथि शिक्षकों को रेग्युलर किए जाने का वादा किया था, लेकिन 6 महीने के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे वो अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी मांगें नहीं पूरी की गईं तो वो सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।
वहीं अतिथि शिक्षकों से मुलाकात के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि अतिथि शिक्षकों की मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। ऐसे में जब आने वाले समय में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव है अगर अतिथि शिक्षक सरकार ने नाराज हुए तो इसका खमियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।