भोपाल। उज्जैन के महाकाल मंदिर कॉरिडोर के निर्माण का खाका कमलनाथ सरकार में तैयार हुआ था और कमलनाथजी की सरकार ने ही कॉरिडोर निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। श्रेय लेने की होड़ में शिवराज सिंह चौहान सरकार इतने नीचे चली गई है कि भगवान के नाम पर भी झूठ बोलने से पीछे नहीं हट रही।
पूर्व धर्मस्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने आज सोमवार को जारी एक बयान में यह बात कहते कहा कि महाकाल मंदिर के विस्तार की योजना व घोषणा सर्वप्रथम कमलनाथ ने की और 27 सितंबर 2019 विश्व पर्यटन दिवस के दिन इसकी घोषणा की गई। बाबा महाकाल के मंदिर के कॉरिडोर के भवन निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया।
शर्मा ने याद दिलाया कि कमलनाथ सरकार में ही धार्मिक स्थलों के विकास के लिए पूर्व मंत्रीगण सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह और मेरी सदस्यता में मंत्री स्तरीय समिति का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि ओम सर्किट बनाने की घोषणा भी इसी दिन की गई। नर्मदा नदी के दोनों ओर घाटों के विस्तार की योजना भी कमलनाथ की सरकार ने ही तैयार की थी। ओंकारेश्वर, इंदौर और उज्जैन को पर्यटन की दृष्टि से जोड़ने का विजन कमलनाथ सरकार की देन है। मोरटक्का से ओंकारेश्वर 12 किमी रोड फोरलेन किया जाना प्रस्तावित था।
शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के लालच में इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए कि भगवान के नाम पर भी झूठ बोलने लगे। भाजपा मानसिकता के लोग भगवान के नाम पर चंदा चोरी कर सकते हैं लेकिन भगवान की सच्ची सेवा कमलनाथजी जैसा हनुमान भक्त मुख्यमंत्री ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल के मंदिर में जो काम कमलनाथजी ने कराए थे, उनका श्रेय लेने के लिए झूठ बोलकर शिवराज सरकार धर्म को भी झूठ से नहीं बख्श रही है।