Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

भोपाल में अब ऐतिहासिक मिंटो हॉल का नाम बदलने की उठी मांग, जानें क्या है मिंटो हॉल का इतिहास

भाजपा संगठन मंत्री रजनीश अग्रवाल ने मिंटो हॉल का नाम शिक्षाविद डॉ. हरि सिंह गौर के नाम पर करने की मांग की

विकास सिंह
गुरुवार, 25 नवंबर 2021 (17:44 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में नाम बदलने की सियासत में एक और नाम जुड़ गया है। इस बार नाम बदलने की मांग उठी है भोपाल में स्थित पुरानी विधानसभा मिंटो हॉल की। भाजपा संगठन मंत्री रजनीश अग्रवाल ने मिंटो हॉल का नाम बदलकर कर शिक्षाविद् डॉ हरि सिंह गौर के नाम पर करने की मांग की है। रजनीश अग्रवाल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि भोपाल स्थित पुरानी विधानसभा के मिंटो हॉल का नाम महान शिक्षाविद और सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक सहित कई विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति  और संविधान सभा के उपसभापति रहे डॉ हरिसिंह गौर के नाम पर किया जाए।
 
रजनीश अग्रवाल के मुताबिक डॉक्टर हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति ही नहीं कई विश्वविद्यालयों के भी कुलपति रहे हैं। इसके साथ वह शिक्षाविद, साहित्यकार कानूनविद और सबसे बड़ी बात संविधान सभा के उपसभापति भी रहे हैं। मध्यप्रदेश की पुरानी विधानसभा का मिंटो हॉल का नाम डॉक्टर हरि सिंह गौर के नाम पर करने से उनके जीवन से लोगों को प्रेरणा मिलेगी।

वहीं मिंटो हॉल का नाम बदलने की भाजपा नेता की मांग पर कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि नाम बदल योजना का हिस्सा हरिसिंह गौर जैसे महान हस्ती को बनाना वास्तव में उनका अपमान है। सागर में इतना बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय उनके नाम पर है वहीं हरि सिंह गौर अपनी विरासत में लिख कर गए थे कि इसका नाम मेरे नाम पर नहीं करना। 

क्या है मिंटो हॉल का इतिहास-मिंटो हॉल की नींव 1909 को रखी गई थी। बताया जाता है की साल 1909 में भारत के तात्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल आए थे। उन्हें उस समय के गेस्ट हाउस राजभवन में रुकवाया गया था लेकिन वायसराय वहां की व्यवस्था देखकर काफी नाराज हुए। इसे देखते हुए तत्कालीन नवाब सुल्तानजहां बेगम ने एक हॉल बनवाने का निर्णय लिया और इसकी नींव वायसराय लॉर्ड मिंटो से रखवाई। कहा जाता है उन्हीं के नाम पर इस हॉल का नाम मिंटो हॉल रखा गया। 
मिंटो हॉल भवन का आकार जॉर्ज पंचम के मुकुट के समान था। भवन के निर्माण की अधिकांश सामग्री इंग्लैंड से मंगवाई गई थी। उस समय भवन के निर्माण की लागत लगभग तीन लाख रुपये थी। काफ़ी लम्बे समय तक मिन्टो हॉल का उपयोग भोपाल राज्य की सेना के मुख्यालय के रूप में होता रहा। भोपाल के नवाब हमीदुल्ला के समय इसका फर्श संगमरमर का बनवाया गया और नवाब की बड़ी बेटी आबिदा बेगम ने इसे स्केटिंग का मैदान बना दिया। बाद के समय में इस हॉल का एक हिस्सा पुलिस मुख्यालय तथा सुरक्षा विभाग को दे दिया गया। 1946 में इसे इंटर कॉलेज बनाया गया, जो बाद में 'हमीदिया कॉलेज' के रूप में स्थापित हुआ। ये कॉलेज 1956 तक चलता रहा। सितम्बर 1956 में इसका चयन विधानसभा भवन के लिये हुआ और 1 नवम्बर 1956 से इसका मध्यप्रदेश के विधानसभा भवन के रूप में प्रयोग होने लगा। मौजूदा वक़्त में मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की देखरेख में इस भवन को संचालित किया जा रहा है। 
 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

આગળનો લેખ
Show comments