छतरपुर में अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां पढ़ाई के लिए एक नवविवाहिता ने ससुराल छोड़ दिया। पुलिस चौकी पहुंची महिला का कहना है कि वह आगे पढ़ाई करना चाहती है, जबकि ससुराल वाले पढ़ाई में बाधा डाल रहे हैं।
महिला का कहना है कि मुझे मेहनत-मजदूरी नहीं पढ़ाई करनी है, मेरे पति और ससुराल वाले मुझे पढ़ने नहीं दे रहे। पुलिस चौकी में बैठी महिला किसी भी सूरत में ससुराल जाने को तैयार नहीं थी। हालांकि बाद में वह पढ़ाई करवाने का आश्वासन मिलने के बाद जाने को तैयार हो गई।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 20 वर्षीय महिला पूजा कुशवाहा छतरपुर जिले के मातगुवां थाना क्षेत्र के ग्राम बर्दवाहा की है। पूजा की शादी ईशानगर थाना क्षेत्र के गांव लक्ष्मणपुरा में सुंदर कुशवाहा से हुई है।
20 वर्षीय महिला का कहना है कि 2 साल पहले मेरे माता-पिता ने शादी कर दी। मैं 11वीं तक पढ़ी हूं, शादी के बाद आगे नहीं पढ़ पाई। महिला के मुताबिक मैं अभी और पढ़ना चाहती हूं, लेकिन ससुराल में अनुकूल माहौल नहीं है। वहां सब निरक्षर हैं। पति भी पढ़ाई का महत्व नहीं समझते। वे मजदूरी करते हैं।
इस बीच हमारे यहां एक बच्चा भी हो गया और अब वह मुझसे और बच्चा चाहते हैं। जब हम एक बच्चे को ठीक से पालने में सक्षम नहीं तो दूसरा क्यों? मैं इन बातों से तंग आ गई हूं।
पीड़िता ने बताया कि इसी कारण में ससुराल छोड़कर शहर में आ गई हूं। पूजा ने सवाल किया कि हमारे माता-पिता और पूर्वज अनपढ़ रहे और मेहनत मजदूरी करते रहे तो क्या मैं भी वही करूं? फिर मेरे बच्चे भी वही करेंगे। महिला पुलिस द्वारा समझाने के बाबजूद वह किसी भी सूरत में अपने मायके (बर्दवाहा) और ससुराल (लक्ष्मणपुरा) जाने को तैयार नहीं थी।
पुलिस ने बाद में उसके देवर और गांव के सरपंच को थाने बुलवाया गया, जहां सरपंच ने जिम्मेदारी ली कि वह उसे आगे पढ़वाएगा, तब कहीं जाकर पूजा मानी और अपने देवर के साथ ससुराल चली गई। दूसरी ओर, ससुराल वाले महिला की जिद से परेशान हैं। बहू की पढ़ाई की रट को वे जादू-टोना मान रहे हैं।