शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि भाजपा भी स्थिति की गंभीरता को अच्छी तरह समझती है कि अगर ये अटकलों और अनुमानों की राजनीति इस तरह तेजी से चलती रही तो भाजपा को इसका नुकसान राज्यसभा के साथ उपचुनाव में भी उठाना पड़ सकता है। उपचुनाव में अगर भाजपा पूरी तरह एकजुट नहीं रही तो गुटों में बंटीं भाजपा का मुकाबला गुंटों में बंटीं कांग्रेस के साथ होगा।