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ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा झटका, करीबी नेता रघुराज धाकड़ कांग्रेस में शामिल

ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा झटका, करीबी नेता रघुराज धाकड़ कांग्रेस में शामिल
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विकास सिंह

, गुरुवार, 10 अगस्त 2023 (15:57 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिंधिया समर्थक नेताओं की घर वापसी का सिलसिला तेज हो गया है। 2020 में सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने  वाले नेता एक के बाद एक कांग्रेस में वापसी कर रहे है। गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक शिवपुरी के रघुराज सिंह धाकड़ ने कांग्रेस में घर वापसी कर ली। रघुराज सिंहं धाकड़ ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। शिवपुरी के कोलारस में रहने वाले रघुराज सिंह धाकड़ समाज के प्रमुख नेता हैं।

रघुराज सिंह धाकड़ को उनके सैकड़ों समर्थकों के साथ भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। कांग्रेस में शामिल होने के लिए रघुराज सिंह धाकड़ पूर्व मंत्री जयवर्धन के साथ कमलनाथ के आवास पहुंचे। इससे सिंधिया समर्थक रहे यादवेंद्र सिंह यादव और बैजनाथ यादव पहले ही कांग्रेस में घर वापसी कर चुके हैं।

कांग्रेस के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व से प्रभावित होकर कोलारस से रघुराज सिंह धाकड़, चंदेरी से जयपाल सिंह यादव एवं यदुराज सिंह यादव ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं विधायक जयवर्धन सिंह जी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

अपने गढ़ में कमजोर हुए सिंधिया!- विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के कांग्रेस में वापसी करना सिंधिया के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। रघुराज सिंह धाकड़ से पहले शिवपुरी के दिग्गज नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो चुके है। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले बैजनाथ यादव शिवपुरी में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके है और वह कोलारस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे है। उनके कांग्रेस से चुनाव लड़ने की संभावना है।

सिंधिया समर्थकों की कांग्रेस में शामिल कर कांग्रेस सिंधिया को घेरना चाहती है। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सत्ता में आई कांग्रेस को 2020 में सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में जाने के बाद सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। वहीं अब 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सिंधिया को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है।

 

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