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मप्र में जज के ड्राइवर की बेटी बन गई ‘जज साहब’, पहले प्रयास में रचा इतिहास, शहर से लेकर सोशल मीडिया तक वाहवाही

vanshita gupta
, गुरुवार, 28 अप्रैल 2022 (12:38 IST)
पिता एक जज की कार चलाने वाले ड्राइवर हैं, लेकिन अब वक्‍त ने ऐसी पलटी मारी कि उनकी बेटी खुद ही जज बन गई। बेटी की कामयाबी के चर्चे सोशल मीडिया से लेकर उसके शहर तक में हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की सिविल जज वर्ग-2 परीक्षा के परिणाम हाल ही में घोषित किए गए। इसमें मध्‍य प्रदेश के नीमच की दो बेटियों उल्‍लेखनीय कामयाबी हासिल की।

इनमें से एक जावद सिविल जज के ड्राइवर की बेटी वंशिता गुप्ता हैं, जिसने पहले ही प्रयास में कामयाबी हासिल की। इसके साथ ही पुस्तक विक्रेता जितेंद्र की बेटी दुर्गा ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। दोनों बेटियों ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता की प्रेरणा, कड़ी मेहनत और लगन को बताया है।

प्रदेशभर के न्यायालय में रिक्त 252 पदों के लिए लिखित परीक्षा मार्च माह में हुई थी, जिसमें देश भर के 350 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसके परिणाम बुधवार को घोषित हुए। इसमें नीमच शहर की दो बेटियों का भी चयन हुआ।

इसमें जिला व सत्र न्यायालय में न्याय विभाग के लघु वेतन कर्मचारी (ड्राइवर) अरविंद गुप्ता की बेटी वंशिता गुप्ता है। वंशिका पहले प्रयास में ही सिविल जज बन गई, जिसे प्रदेश में सातवीं रैंक मिली है। इसी तरह नीमच सिटी निवासी पुस्तक विक्रेता जितेंद्र एरन की बेटी दीर्घा एरन भी जज बनी है, जिसे 34वीं रैंक मिली है।

वंशिता के दादा रमेशचंद गुप्ता भी न्यायालय में ग्रेड-1 रीडर थे, सेवानिवृत्ति के बाद वर्तमान में मंदसौर में वकालत कर रहे हैं। वंशिता के पिता अरविंद गुप्ता वर्तमान में जिला कोर्ट में लघु वेतन कर्मचारी है। अरविंद ने बताया कि वंशिका बचपन से ही घर में कोर्ट-कचहरी की बातें सुनती आ रही है।

इसी तरह दीर्घा एरन के दादा कन्हैयालाल एरन शहर के वरिष्ठ एडवोकेट थे। उन्होंने बचपन में दीर्घा को न्याय के क्षेत्र में जाने के लिए समय-समय पर प्रेरित किया। दीर्घा साल 2019 में सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी थी, इसके बाद इंटरव्यू में असफल हुई। लेकिन हार नहीं मानी और वह दूसरे प्रयास में सफल हो गई।

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