- इंदौर में सजी रावण मंडी, उज्जैन में ब्राह्मण क्यों कर रहे रावण दहन का विरोध?
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सीएम मोहन यादव को चिट्ठी लिख कहा, मप्र में बंद हो रावण दहन
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बच्चों से लेकर बड़ों तक में डिजाइनर रेडिमेड रावण का क्रेज
शनिवार को पूरे देश में रावण दहन किया जाएगा। अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक के तौर पर पूरे देश में रावण का दहन किया जाएगा। हालांकि महाकाल की नगरी उज्जैन में ब्राह्मणों ने रावण दहन का विरोध करते हुए सीएम मोहन यादव को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने मांग की है कि मध्यप्रदेश में रावण दहन पर रोक लगाई जानी चाहिए। ब्राह्मणों का तर्क है कि रावण विद्वान और त्रिकालदर्शी थे। उन्होंने द्वापर में माता सीता का हरण जरूर किया था, लेकिन उनके साथ कभी कोई गलत व्यवहार नहीं किया।
वहीं दूसरी तरफ इंदौर, उज्जैन से लेकर प्रदेश के कई शहरों में रावण दहन की तैयारी जमकर चल रही है। इंदौर में तो रावण मंडी तक सज गई है, बाजार रावण के पुतलों से सजा हुआ है और बच्चों से लेकर बडों तक में रावण के पुतले खरीदने को लेकर जमकर उत्साह है। वेबदुनिया ने इंदौर के अन्नपूर्णा क्षेत्र से लेकर कई इलाकों में रावण के पुतले बनाए जाने से लेकर उन्हें बेचने का जो काम होता है उसकी पूरी पड़ताल की। जानिए कहां कहां बन रहे हैं रावण। किस कीमत से लेकर किस साइज के रावण के पुतले बाजार में उपलब्ध हैं।
इंदौर में बढ़ा रावण दहन का चलन : मिताली वर्मा ने बताया कि इस साल भी हर आकार और हर रंग में रावण की बिक्री हो रही है, लोगों का इन्हें खरीदने के लिए क्रेज और बढ़ गया है और ऐसा ही कुछ देखा गया इंदौर में भी, जहां छोटे, बड़े, हर साइज़ और शेप के रावण की मंडी सजी हुई है। इन्हें तैयार करने वाले लोगों ने बताया कि पहले से ज्यादा इसका चलन बढ़ गया है और बिक्री भी पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा हुई है। रावण दहन देखने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े इसलिए लोग छोटे रावण ज्यादा खरीद रहे हैं ताकि वे कॉलोनी में ही जश्न मन सकें।
200 से लेकर 15,000 तक के रावण: कैलाश महंत ने बताया कि यहां रावण की कीमत 200 से लेकर 15,000 तक है। हर आयु वर्ग में इन्हें खरीदने के प्रति उत्साह नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि लोग ज्यादातर रंग बिरंगे रावण ले जाना पसंद करते हैं लेकिन इसके पीछे काफी मेहनत लगती है। छोटे रावण को बनाने में करीब 1.5 घंटा लगता है वहीँ बड़े रावण को बनाने में 1-2 दिन लग जाते हैं।
रावण खरीद की मांग बढी : अन्नपूर्णा क्षेत्र में रावण बनाने वाले एक दुकानदार विष्णू राम ने बताया कि वे पिछले 8 से 10 साल से रावण बनाने का काम कर रहे हैं। पिछले इतने सालों में रावण खरीदने की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। ठीक इसी तरह सुभिता ने बताया कि वो बच्चों के हिसाब से रावण बना रही है। बच्चे छोटे और कलर फूल रावण पसंद कर रहे हैं।
उज्जैन में हो रहा रावण दहन का विरोध
उज्जैन में ब्राह्मण क्यों कर रहे रावण दहन पर रोक की मांग महाकाल मंदिर के पुजारी और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के संस्थापक अध्यक्ष महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि रावण विद्वान और त्रिकालदर्शी थे। उन्होंने द्वापर में माता सीता का हरण जरूर किया था, लेकिन उनके साथ कभी कोई गलत व्यवहार नहीं किया। उन्होंने बताया कि रावण ने राक्षस कुल का उद्धार करने के लिए माता सीता का हरण किया था, जिसके कारण ही भगवान राम के हाथों उन्होंने मुक्ति पाई।
रावण दहन से ब्राह्मणों का अपमान : महेश पुजारी कहते हैं कि वर्तमान में रावण दहन करने के पीछे ब्राह्मणों को अपमानित करने जैसा है। रावण के पुतले का दहन सिर्फ दशहरे पर नहीं बल्कि पूरे सप्ताह भर होने लगा है। उनका कहना है कि रावण के पुतले का दहन करने वाले संगठन और संस्थाएं ब्राह्मण समाज का कभी भी भला नहीं कर सकते। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से पत्र के माध्यम से मांग की है कि मध्य प्रदेश में रावण के दहन पर प्रतिबंध लगना चाहिए और अगर पुतला दहन करना ही है तो ऐसे लोगों के करें जो मां बेटियों के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर देते हैं।
किसने किया दहन का विरोध : अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी के साथ ही अध्यक्ष अर्पित पुजारी, उपाध्यक्ष मुकेश अग्निहोत्री, उपाध्यक्ष श्रीवर्धन शास्त्री, महामंत्री अजय जोशी कुंड वाला गुरु, कोषाध्यक्ष शिवम शर्मा, संगठन मंत्री जितेंद्र तिवारी, कार्यकारिणी के देवेंद्र नागर, हितेश शर्मा, रूपेश मेहता, प्रणव पंड्या, विनोद शुक्ल के साथ ही अन्य पदाधिकारियो ने भी रावण के पुतले के दहन पर रोक लगाने की मांग की है।
Report By : Navin Rangiyal