भोपाल। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला और बालाघाट में पीडीएस के तहत घटिया चावल बांटे जाने की मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू करेगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले की जांच में बालाघाट और मंडला में पीडीएस के तहत लोगों को जानवरों के खिलाने लायक चावल दिए जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से राज्य सरकार से जानकारी मांगी जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने EOW जांच के आदेश दिए है।
इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त तेवर अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश आला अफसरों को दिए है। घोटाल सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पीडीएस के तहत बांटे जाने वाले चावल के बांटने पर रोक लगा दी है।
सरकार ने सरकारी गोदामों में रखे चावल की दोबारा जांच कर फिर उनके बांटे जाने के निर्देश दिए हैं। सरकार की सख्ती के बाद बालाघाट और मंडला जिला प्रशासन ने गड़बड़ी में शामिल राइस मिलर्स पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। राइस मिल संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ उनके बिजली कनेक्शन काटे जाने की भी कार्रवाई की जा रही है।
इस पूरे मामले पर हाईलेवल बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फरवरी माह में बालाघाट में मिलर्स से प्राप्त गुणवत्ताविहीन चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटने के मामले में पूर्व सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इस पूरे मामले में विभिन्न स्तर पर सांठ-गांठ की भी आशंका है और जांच में जो तथ्य उजागर होंगे उसके दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बालाघाट और मंडला जिलों के निरीक्षण के बाद गोदामों से चावल का प्रदाय और परिवहन बंद किया गया है।
घटिया चावल देने के बाद बालाघाट जिले में तीन हजार 136 मीट्रिक टन तथा मंडला जिले में 1658 मीट्रिक टन चावल निर्धारित मानकों का नहीं पाया गया। इन दोनों जिलों गोदामों से चावल निकासी पर तत्काल रोक लगा दी गई है।