मध्यप्रदेश के खजुराहो में एक बार फिर एक विदेशी दुल्हन ने देसी दूल्हे के साथ शादी रचाई। हालांकि इन दोनों का विदेश मे विवाह हो चुका है, लेकिन दोनों भारतीय परंपरा के अनुसार सात फेरे लेना चाहते थे।
जानकारी के मुताबिक खजुराहो के रहने वाले अंजुलसिंह राजावत की मुलाकात रूस की रहने वाली सोआता से एक ऑनलाइन चैटिंग साइट पर हुई थी। लम्बे समय तक चैटिंग होती रही फिर दोनों के बीच दोस्ती हो गई। फिर दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और चार साल पहले दोनों ने रूस में वहां के रीति-रिवाज से शादी रचा ली।
दोनों के रिश्तों को 6 साल से ज्यादा समय हो गया, लेकिन दोनों एक बार फिर हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर सात जन्मों के बंधन में बंध गए हैं।
यह अनोखा विवाह खजुराहो में प्रसिद्ध और मनोकामना पूर्ण करने वाली मां बघराजन देवी मंदिर प्रांगण में संपन्न हुआ, देसी दूल्हा और विदेशी दुल्हन ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाकर अग्नि के सात फेरे लिए और सात वचन लेकर सात जन्मों के बंधन में बंध गए।
देवी के मंदिर में ही दूल्हा ने दुल्हन की मांग भराई और मंगल सूत्र की रस्त निभाई वहीं दुल्हन के भाई और बहन ने हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार ही सोआता के पैर पखारे और विवाह को सारी रस्मो को पूरा किया। दूल्हा और दुल्हन दोनों ने ही इस शादी पर प्रसन्नता जताई।
हिन्दू रीति-रिवाजों का मज़ाक : विस्वस्त सूत्रों और लोगों की मानें तो खजुराहो में विदेशी आकर इस तरह की शादियां सिर्फ मौज-मजे के लिए करते हैं। यह उनके ट्रैवल पैकेज में शामिल होता है। सूत्रों की मानें तो अब कम्पनियां हिन्दू शादी का ट्रैवल पैकेज साथ में देती हैं कि आपकी खजुराहो में हिन्दू रीति रिवाजों से शादी भी कराई जाएगी।
विदेशी सैलानी जहां इस शादी को मौज मजे के लिए करते हैं, वहीं कंपनियां शादी पैकेज के नाम पर पैसा बटोरतीं हैं। पंडित, मंदिर, घोड़ा, नाई, बैंडबाजे, टेंट, म्यूजिक पार्टी लड़की वाले, लड़के वाले, बारातघर यहां तक कि बाराती भी पैकेज में शामिल होते हैं।