Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कोरोना संक्रमण के खौफ से बेटे ने पिता की पार्थिव देह को नहीं दी मुखाग्नि, तहसीलदार ने किया अंतिम संस्कार

कोरोना संक्रमण के खौफ से बेटे ने पिता की पार्थिव देह को नहीं दी मुखाग्नि, तहसीलदार ने किया अंतिम संस्कार
webdunia

विकास सिंह

, बुधवार, 22 अप्रैल 2020 (10:00 IST)
भोपाल। कोरोना के खौफ ने मानवीय रिश्तों को भी तार-तार कर दिया है। कोरोना पॉजिटिव पिता की मृत्यु के बाद बेटे ने कोरोना संक्रमण की डर से मृत पिता की देह न केवल लेने से इंकार कर दिया बल्कि पिता के अंतिम संस्कार से भी पीछे हट गया है। मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली ऐसी तस्वीर सोमवार को भोपाल में दिखाई दी।
 
शुजालपुर के रहने वाले प्रेम सिंह मेवाड़ा की दो दिन पहले कोरोना संक्रमण के चलते भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। कोरोना पॉजिटिव शख्स की मौत के बाद संक्रमण के डर से परिवार वालों ने मृतक के पार्थिव शरीर को लेने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं प्रशासन के लाख समझने के बाद भी संक्रमण के डर से बेटा पिता की पार्थिव देह को मुखाग्नि देने के लिए तैयार नहीं हुआ। 
 
बेटे ने बकायदा लिखकर प्रशासन को दिया कि उसे न तो पीपीई किट पहनने-उतारते आती है इसलिए वह पिता की देह को अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन को सौंप रहा है। जब बेटा  पिता के अंतिम संस्कार का फर्ज निभाने के लिए तैयार नहीं हुआ बैरागढ़ तहीसलदार गुलाब सिंह बघेल ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए कोरोना पॉजिटिव प्रेम सिंह मेवाड़ा का अंतिम संस्कार पूरी धर्मिक रीति रिवाजों के साथ किया। इस दौरान मृतक का बेटा श्मशान घाट पर दूर खड़ा होकर पिता की चिता से उठती लफटों को देखता रहा। 
 
दरअसल शुजालपुर के रहने वाले प्रेम सिंह मेवाड़ा की कोरोना के चलते 20 अप्रैल को मौत हो गई थी। कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद शव दो दिन तक मरचुरी में रखा रहा लेकिन प्रशासन के बार- बार समझाने के बाद परिजनों ने कोरोना संक्रमण के डर से शव लेने से इंकार कर दिया। जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए पीपीई किट, सेनेटाइजर, ग्लब्स देने की पूरी व्यवस्था कर दी लेकिन उसके बाद भी मृतक का पुत्र संदीप मेवाड़ा पिता की देह को मुखाग्नि देने को तैयार नहीं हुआ।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में लॉकडाउन कैसा है?