Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

CM डॉ. मोहन यादव ने की केजरीवाल के इस्तीफे की मांग, BJP दफ्तर के बाहर AAP का प्रदर्शन

mohan yadav
webdunia

विकास सिंह

, शुक्रवार, 22 मार्च 2024 (14:39 IST)
भोपाल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद मध्यप्रदेश की सियासत भी गर्मा गई है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आज आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के सभी जिलों सहित, भोपाल में भाजपा प्रदेश कार्यालय के सामने प्रर्दशन किया। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की है।

CM मोहन यादव ने की केजरीवाल के इस्तीफे की मांग-अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके इस्तीफे की मांग की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह एक सीएम के रूप में वह जेल जा रहे हैं, पद के लिए इतना लालच अरविंद केजरीवाल को शोभा नहीं देता। उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। केजरीवाल को पहले जांच का सामना करना चाहिए। इसी शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल के दो मंत्री जेल में हैं, अब तक 21 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, 9 बार उनको ईडी की तरफ से समन भेजा गया, वह हाईकोर्ट भी गए लेकिन जब उनको कोर्ट से राहत नहीं मिली तो उन्हें सबसे पहले इस्तीफा देना चाहिए। अगर वह जांच में बरी होते तो फिर से अपनी सरकार चलाते थे। लेकिन पद का इतना मोह उन्हें शोभा नहीं देता है। वहीं जेल से सरकार चलाने के सवाल पर सीएम मोहन ने कहा कि यह पद का मद चढ़ रहा है, वह किसी भी हालत में पद नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें लोकतंत्र के लिए इस्तीफा देना चाहिए।

इसके साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे देश का इतिहास रहा है कि जब किसी पर आरोप लगता है तो वह सबसे पहले इस्तीफा देता है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक वह दायित्व नहीं लेता है। लालकृष्ण आडवाणी इसका उदाहरण हैं, जब उनका नाम एक कथित डायरी में झूटा नाम आया था तो उन्होंने तुरंत ही इस्तीफा देकर जांच का सामना किया था, कोर्ट का फैसला आने के बाद ही उन्होंने चुनाव लड़ा था। लोकतंत्र में यह पहली जरुरत होती कि अगर आप ऊंगली उठ रही है तो इस्तीफा देना चाहिए।
 
webdunia

BJP दफ्तर के बाहर AAP का प्रदर्शन-अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आज आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के सभी जिलों सहित, भोपाल में भाजपा प्रदेश कार्यालय के सामने प्रर्दशन किया। प्रदर्शन के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव सुमित चौहान ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार लगातार विपक्ष पर हमला कर खत्म करने  में लगी हुई है। पहले झारखंड के मुख्य्मंत्री हेमंत सोरेन और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कल देर रात ग्रिफ्तार कर लिया गया, इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सतेंद्र जैन, और विजय नायर को केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने फर्जी शराब नीति में ग्रिफ्तार कर चुकी है।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केन्द्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार को INDIA गठबंधन के बनते ही अपनी हार नजर आ रही हैं। दिल्ली का फर्जी शराब नीति घोटाले में ईडी और सीबीआई 15 महीनों के बाद आज तक कोई एक सबूत नहीं दे पाई । सुप्रीम कोर्ट के लगातार सबूत मांगने पर न तो कोई सबूत दे पाई।यह केस एक दम निराधार है केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी की स्वछ ईमानदार छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

केजरीवाल के समर्थन में कमलनाथ-दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आ गए है। कमलनाथ ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि “भारतीय राजनीति में विपक्षी दलों की एकता की इस समय जितनी आवश्यकता है, उतनी ज़रूरत पिछले 75 साल में शायद ही पहले कभी रही हो। वर्तमान सत्ताधारी दल के इरादे एकदम स्पष्ट हैं, आम चुनाव से पहले वह विपक्ष से लड़ना नहीं, बल्कि विपक्ष को अनैतिक हथकंडे अपनाकर समाप्त कर देना चाहता है। राजनैतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को डराना, धमकाना, तोड़ना, गिरफ़्तार करना और जेल भेजना इसी कुचक्र का हिस्सा हैं। यह जो दमन चक्र चलाया जा रहा है, उसका सिर्फ़ एक मक़सद है कि भारत की आज़ादी के बाद जो सत्ता जनता के हाथों में दी गई थी, उसे जनता के हाथ से छीन कर तानाशाही के हाथ में दे देना। इसलिए भारत के जागरूक नागरिकों को अपनी ज़िम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता से निभानी है। मौक़ापरस्तों को पहचानना है और जनता की सेवा करने वालों के साथ  खड़े रहना है। हम सब मिलकर अपने लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और इसे मज़बूत बनाएंगे”।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अन्ना हजारे ने बताया, क्यों गिरफ्तार हुए केजरीवाल?