Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

इंदौर के वर्तमान स्वरूप को बनाने में अभय जी का अविस्मरणीय योगदान : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

विकास सिंह
शुक्रवार, 24 मार्च 2023 (23:32 IST)
भोपाल। स्व. अभय छजलानी जी संपादक, लेखक, समाजसेवी और एक अच्छे इंसान थे। इंदौर के वर्तमान स्वरूप को बनाने में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नईदुनिया के पूर्व प्रधान संपादक अभय छजलानी जी और वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक जी की स्मृति में आज भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के एमपी नगर स्थित विकास भवन में श्रद्धांजलि सभा के आयोजन में यह बातें कहीं।

श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में अभय जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे एक बहुत अच्छे पत्रकार, संपादक एवं समाज सेवक थे। उनके जाने से पत्रकारिता जगत को बहुत बड़ी क्षति हुई है। अभय जी ने नर्मदा के लिए आंदोलन किया, खेल पत्रकारिता को बढ़ावा दिया। मैं उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. श्री वेदप्रताप वैदिक और स्व. श्री अभय छजलानी ज्ञान, भक्ति और कर्म के त्रिवेणी संगम थे। मध्य प्रदेश हीरों की खदान है, प्रदेश में फिर कोई नया हीरा यहीं से निकलेगा।
 
श्रद्धाजंलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार स्व. श्री वेदप्रताप वैदिक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ. वेद प्रताप वैदिक जी के चेहरे पर तेज था, उनकी वाणी में ओज था। कहते हैं कि सरस्वती जी कंठ में विराजती हैं, लेकिन मुझे कई बार लगता था कि जैसे सरस्वती जी उनकी कलम में विराजती हैं।

सचमुच में वैदिक जी का मातृभाषा और हिन्दी के लिए जो प्रेम था, मैंने वैसा हिन्दी आग्रही कोई दूसरा नहीं देखा। 13 साल की उम्र में वे हिन्दी सत्याग्रही थे। वे लगातार हिन्दी के लिए लड़ते रहे। डॉ. वेद प्रताप वैदिक जी ने हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिससे प्रभावित होकर लगभग 21 लाख लोगों ने अपने हस्ताक्षर बदले और हिन्दी में करना प्रारंभ किया।

कार्यक्रम में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने कहा स्वर्गीय अभय छजलानी का यूनिवर्सिटी से गहरा नाता था और वह विश्वविद्यालय की महापरिषद के सदस्य भी थे। वहीं प्रो केजी सुरेश ने कहा कि उनके संबंध वैदिक जी बहुत पुराने थे। वैदिक जी पीटीआई के संस्थापक संपादक थे एवं वे संवाददाता थे। प्रो सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता में उनसे काफी कुछ सीखने को मिला। प्रो सुरेश ने कहा कि अंग्रेजी से उनका कोई विरोध नहीं था, लेकिन हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में विश्व में स्थान दिलाने के लिए उनका सदैव प्रयास रहता था। कुलपति  प्रो सुरेश ने कहा कि उनके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं से बहुत मधुर संबंध थे, लेकिन उन्होंने राष्ट्र हित से कभी भी समझौता नहीं किया । प्रो सुरेश ने कहा कि हिंदी जगत के लिए वे एक योद्धा पत्रकार थे और हिंदी जगत ने एक योद्धा खो दिया है । 
 
ALSO READ: अभय छजलानी : हिंदी पत्रकारिता की आत्मा के वासी
ALSO READ: स्मृति शेष- श्री अभय जी : अखबार में संकाय विकास के प्रति प्रतिबद्धता

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

क्‍या है Cyclone Dana, क्‍या है इसका अर्थ और किसने रखा ये नाम?

मां जिंदा हो जाएगी इस उम्‍मीद में सड़कर कंकाल बनी लाश की पूजा कर रहा था बेटा, ये कहानी सुनकर रूह कांप जाएगी

प्रियंका गांधी के रोड शो की भीड़ असली या फर्जी? भाजपा उम्मीदवार नव्या ने लगाया सनसनीखेज आरोप

बुधनी और विजयपुर उपचुनाव में बागी और भितरघात भाजपा और कांग्रेस की बड़ी चुनौती

एक और प्रवासी श्रमिक को गोली मारी, प्रवासियों व कश्मीरी पंडितों में दहशत का माहौल

આગળનો લેખ
Show comments