Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

MP नर्सिंग घोटाले की जांच के रिश्वतकांड में CBI इंस्पेक्टर बर्खास्त, DSP सहित 4 अफसर आरोपी

MP नर्सिंग घोटाले की जांच के रिश्वतकांड में CBI इंस्पेक्टर बर्खास्त, DSP सहित 4 अफसर आरोपी

विकास सिंह

, बुधवार, 22 मई 2024 (11:45 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में सीबीआई ने अब अपना एक्शन तेज कर दिया है। वहीं रिश्वतखोरी के मुख्य सूत्रधार सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त कर दिया गया  है। वहीं अब पूरे मामले में रिश्वतखोरी का दायरा अब बढ़ता जा रहा है। पूरे मामले की जांच कर रही सीबीआई के डीएसपी और एक और इस्पेक्टर के शामिल होने का नया खुलासा हुआ है। वहीं अब पूरे मामले में सीबीआई के 4 अफसरों सहित आरोपियों की संख्या 23 हो गई है।

CBI-DSP सहित 23 अन्य आरोपी-रिश्वतखोरी के इस पूरे मामले का भांडाफोड़ होने के बाद अब सीबीआई ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जांच एजेंसी ने DSP CBI आशीष प्रसाद और एक अन्य इंस्पेक्टर ऋषि कांत आसाठे को भी आरोपी बनाया है। इस पूरे मामले में सीबीआई ने 23 लोगों को आरोपी बनाया है। जिसमें 13 की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस पूरे मामले में अब तक सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज और सुशील मजोकर के साथ सचिन जैन (बिचौलिया), सुमा रत्नाम भास्करन-प्रिंसिपल, मलय नर्सिंग कॉलेज,अनिल भास्करन-मलय नर्सिंग कॉलेज, रवि भदौरिया-आरडी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज इंदौर, प्रिति तिलकवार, वेद प्रकाश शर्मा,तनवीर खान ओम गिरी गोस्वामी, जुगल किशोर शर्मा,नर्सिंग कॉलेज संचालक,राधारमण शर्मा-जुगल किशोर का भाई ,जलपना अधिकारी-प्राचार्य , भाभा नर्सिंग कॉलेज भोपाल को गिरफ्तार किया गया है।

क्या है पूरा नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामला?- मध्यप्रदेश का बहुचर्चिंत नर्सिंग घोटाले तब सुर्खियों में आया जब 2020-21 सत्र में परीक्षा को लगातार टाला गया। 2020-21 सत्र के दौरान खुले नए कॉलेजों को विश्वविद्यालय ने 2023 में मान्यता दी। यह मान्यता ही सवालों के घेरे मे आ गई है क्योंकि नियमों को ताक पर रखकर कई कॉलेजों को मान्यता दी गई। इसी दौरान जनवरी 2023 में कॉलेजों को मान्यता के साथ नामांकन के साथ फरवरी माह में परीक्षा करवाना प्रस्तावित था।

इसी को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। एडवोकेट दिलीप वर्मा की ओऱ दायर जनहित याचिका में एक महीने में कॉलेजों को मान्यता देना, नामांकन करवाने और परीक्षा करवाने को लेकर सवाल ख़ड़े किए गए। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगा दी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 364 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के आदेश दिए।

CBI ने हाईकोर्ट में सौंपी जांच रिपोर्ट-मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले की जांच के आदेश जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दिए थे। ग्वालियर हाईकोर्ट ने 364 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने जिन 364 कॉलेजों की जांच CBI को सौंपी थी उसमें से 56 कॉलेज सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब एक साल बाद सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। जांच रिपोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों को तीन कैटेगरी सूटेबल,अनसूटेबल और डिफिसेंट कैटेगरी में बांटा गया। जिसमें 308 कॉलेजों में 169 सूटेबल, 66 अनसूटेबल और 73 डिफिसेंट पाए गए।

CBI की जांच रिपोर्ट पर सवाल?-हाईकोर्ट के आदेश पर नर्सिंग घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने जांच में कई ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को भी क्लीन चिट दे दी गई थी जो मान्यताओं पर खरा नहीं उतरे थे। इस पर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक और व्हिसल ब्लोअर रवि परमार ने आपत्ति ली थी। उन्होंने 15 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय पहुंचकर शिकायत भी कि थी। एनएसयूआई की शिकायत के बाद CBI ने कुछ विभागीय लोगों को भी जांच के रडार पर लिया।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अब आपको नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर, जानिए 1 जून से कैसे बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस?