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स्कूल बस हादसे में बस ड्राइवर पर गैरइरादतन हत्या का मामला

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शनिवार, 6 जनवरी 2018 (15:15 IST)
इंदौर। भीषण सड़क हादसे में 4 स्कूली बच्चों समेत 5 लोगों की मौत को लेकर स्थानीय बाशिंदों में भारी गम और गुस्से के बीच पुलिस ने मामले में गैरइरादतन हत्या की प्राथमिकी दर्ज की है।
 
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने शनिवार को बताया कि बस के ड्राइवर राहुल सिसोदिया और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 304 के तहत कनाड़िया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बहरहाल, बस के ड्राइवर की हादसे में पहले ही मौत हो चुकी है।
 
राय ने कहा कि हम जांच से पता लगाएंगे कि इस मामले में किन-किन लोगों की आपराधिक ​जिम्मेदारी बनती है। ऐसे सभी संबंधित लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
 
कनाड़िया क्षेत्र के बायपास रोड पर शुक्रवार शाम दिल्ली पब्लिक स्कूल की तेज रफ्तार बस इस कदर अनियंत्रित हो गई कि वह डिवाइडर तोड़कर समानांतर लेन में जा घुसी और सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। हादसे में 6 से लेकर 13 वर्ष की आयु वाले 4 स्कूली बच्चों और बस ड्राइवर की मौत हो गई। दुर्घटना में घायल 10 लोगों का एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
 
अधिकारियों को पहली नजर में लगता है कि हादसे के पीछे स्कूल बस चालक की गंभीर लापरवाही या इस वाहन के स्टीयरिंग की बड़ी तकनीकी खराबी जिम्मेदार है, हालांकि दुर्घटना का वास्तविक कारण पता लगाने के लिए पुलिस और प्रशासन की विस्तृत जांच जारी है। हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर संदेशों की बाढ़ आ गई है जिनमें बच्चों की दर्दनाक मौत के लिए परिवहन विभाग और निजी स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
 
उधर आरोपों को खारिज करते हुए स्कूल के प्राचार्य सुदर्शन सोनार ने कहा कि हादसे की शिकार बस सड़क पर चलने के लिए पूरी तरह फिट थी। इस बीच परिवहन विभाग की वेबसाइट से पता चलता है कि भीषण हादसे की शिकार बस (एमपी-09/ एफए-2029) 15 वर्ष पुरानी है। ​​​दिल्ली पब्लिक स्कूल का नाम इस वाहन के तीसरे मालिक के रूप में दर्ज है यानी इस स्कूल से पहले 2 अन्य लोगों के पास भी यह वाहन रह चुका है।
 
सूत्रों के मुताबिक इंदौर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) द्वारा प्रदेश के परिवहन आयुक्त को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 34 सीटों वाली स्कूल बस को पिछली बार 26 दिसंबर 2017 को (यानी हादसे के केवल 10 दिन पहले) फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया गया था। यह प्रमाण पत्र 25 दिसंबर 2018 तक वैध है।
 
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शैक्षणिक उपयोग के वाहनों की श्रेणी में पंजीकृत वाहन में जीपीएस सिस्टम और कैमरे भी लगे थे। हादसे में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहर में शनिवार को अधिकांश निजी स्कूल बंद रहे। प्रमुख स्थानीय बाजारों में भी आधे दिन का अवकाश रखा गया। (भाषा)
 

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