भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार और संगठन में पिछले कई दिनों से बदलाव को लेकर चल रही अटकलों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। मध्यप्रदेश में भाजपा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। यह कहना है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ.विनय सहस्त्रबुद्धे का। शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मोदी सरकार की 9 वर्षों के उपलब्धियों पर मीडिया से बात करते हुए विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की अस्थिरता नहीं है। भाजपा पूरी ताकत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।
मीडिया से बात करते हुए डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भले ही पार्टी कुछ सीटों से चूक गई हो लेकिन बार प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव में चेहरे को लेकर कोई अस्थिरता की बात नहीं है। कभी-कभी सामने वालों का मन विचलित हो सकता है तो वह कर सकते है। हमारा मन एकदम सही। भाजपा पूरी ताकत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।
मोदी सरकार की गिनाई उपलब्धियां-भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने मीडिया से बात करते हुए मोदी सरकार की 9 सालों की उपलब्धियों को गिनाया। डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल की स्थापना के बाद अब असंगठित श्रमिकों को मौजूदा सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित लोगों के लिए देश भर में 12 गरिमा गृह स्थापित किये गये हैं जो उन्हें आश्रय प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह, देश की 2.7 लाख से अधिक दिव्यांग आबादी को लाभावन्वित करने वाली 3954 परियोजनाओं को दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना के तहत 508.34 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान जारी की गयी है।
उन्होंने कहा कि देश में पहली बार पोषण ट्रेकर के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए राज्य के भीतर और बाहर एक आंगनवाड़ी केंद्र से दूसरे में प्रवास की सुविधा प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 2,900 से अधिक गांवों का चयन किया गया है, जिसमें 53 लाख से अधिक परिवारों के जीवन में बदलाव लाया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति के 2.6 करोड़ से अधिक लोग शामिल हैं। वर्तमान सामाजिक कल्याण मॉडल स्वभाविक रूप से समावेशी हैं और समग्र सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करते हुए सभी समुदायों को इसका लाभ प्रदान कर रहा है।