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ISIS की तर्ज पर काम कर रहा था कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर, रायसेन के जंगलों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग के साथ जेहादी तैयार करने का प्लान

विकास सिंह
बुधवार, 10 मई 2023 (12:38 IST)
radical Islamic outfit Hizb-ut-Tahrir:मध्यप्रदेश में आतंकी साजिश के एक बड़े मॉड्यूल का फर्दाफश हुआ है। एटीएस ने राजधानी भोपाल सहित छिंदवाड़ा और हैदराबाद से कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुडे 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जा रही है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि भोपाल से गिरफ्तार किए गए कट्टरपंथी संगठन हिब्ज-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े 11 लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं हैदराबाद से गिरफ्तार संगठन के 5 अन्य सदस्यों को भोपाल लाया जा रहा है। गृहमंत्री ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रायसेन के जंगलों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग करते थे। वहीं संगठन के सदस्यों को हो रही फंडिग की जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों पर यूएपीए सहित अन्य अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 

किनकी हुई गिरफ्तारी?-मंगलवार को एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भोपाल, छिन्दवाडा एवं हैदराबाद से हिज़्ब-उत्-तहरीर संगठन से जुड़े भोपाल यासिर खान, सैयद सामी रिजवी, शाहरूख, मिस्बाह, शाहिद, सैयद दानिशअली, मेहराज,खालिद हसन, वसीम खान, मो. आलम और छिन्दवाडा से अब्दुल करीम के साथ हैदराबाद से मोहम्मद सलीम,अब्दुर रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद, मोहम्मद हमीद को गिरफ्तार किया गया है। भोपाल से गिरफ्तार 10 आरोपियों को 19 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। 

गिरफ्तार आरोपी जिम ट्रेनर, कंप्यूटर टेक्नीशियन, दर्जी, ऑटो ड्राइवर के रूप में लोगों  के  बीच घुलमिल कर देश विरोधी साजिशों में शामिल  थे। भोपाल से गिरफ्तार एक आरोपी भोपाल के कोहेफिज में एडुफोरम ट्यूटोरियल्स के नाम से कोचिंग सेंटर चलाता था। संगठन के सदस्य ड्रोन कैमरे से रेकी कर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में  थे। 

रायसेन के जंगलों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग-एटीएस के गिरफ्तर में आए आरोपी भोपाल से सटे रायसेन के जंगलों में गोपनीय रूप से क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप में निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे। जंगलों के बीच स्थित प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के संक्रिय सदस्य कैंप में शामिल सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे। इसके साथ संगठन के सदस्य धार्मिक सभा कर भड़काऊ तकरीरें के जरिए जेहादी साहित्य का वितरण लोगों के बीच करते थे। 
 
इसके साथ संगठन से जुड़े सदस्य ऐसे युवकों की पहचान करते थे,जो उग्र स्वभाव के हों और उन्हें संगठन के लिए अपनी जान देने में कोई हिचक ना हो। सभी आरोपी आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे 'रॉकेट चैट', 'श्रीमा' एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी संगठन जैसे 'आईएसआईएस द्वारा भी किया जाता है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देशविरोधी एवं जेहादी साहित्य, विस्फोटक बनाने का साहित्य एवं सामग्री एवं डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए हैं। 
 
क्य़ा था पूरा प्लान?-कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत्-तहरीर (HUT) / तहरीक-ए-खिलाफत से जुड़े आरोपी लोगों को भड़काकर भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना चाह रहे थे। संगठन की योजना ज्यादा से ज्यादा नवयुवकों को अपने संगठन से जोड़ने और उन्हें हिंदुओं के विरुद्ध जेहाद के लिए तैयार करना है। सदस्यों को संगठन के लिए चंदा एवं संसाधन एकत्रित करने के लिए कहा जाता था। इनकी बड़े शहरों एवं भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में बड़ी घटना को अंजाम देकर लोगों में भय पैदा करने की मंशा थी। इसके लिए संगठन के सदस्यों द्वारा भारत के बड़े शहरों को चिन्हित किया गया था। वे विभिन्न स्थानों पर ड्रोन से टारगेट और क्षेत्र की रेकी करते थे। रेकी के पश्चात क्षेत्र का नक्शा तैयार कर घटना घटित करने की योजना तैयार कर रहे थे।
 
कौन है हिज्ब-उत-तहरीर संगठन?-हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) एक अंतराष्ट्रीय इस्लामिक संगठन है। यह संगठन पूर्व में तहरीक-ए-खिलाफत के नाम से जाना जाता था। संगठन विश्व में खलीफा के शासन का एवं शरिया कानून लागू करने का समर्थक है। यह संगठन भारत में गोपनीय रूप से मुस्लिम नौजवानों में खिलाफत की विचारधारा को फैलाने के लिये एवं संगठन का विस्तार करने के लिए से कार्य कर रहा है। संगठन से जुड़े व्यक्ति विभिन्न देशों में हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं। यह संगठन 50 से अधिक देशों में सक्रिय है तथा 16 देशों में प्रतिबंधित है।
 
कट्टपंथी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई?-इसके पूर्व जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) और पीएफआई जैसे संगठनों पर भी मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। मार्च 2022 में एटीएस द्वारा जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। इस दौरान तीन बांग्लादेशी आतकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। एमपी एटीएस की कार्रवाई के आधार पर देश के अन्य राज्यों में भी कार्रवाई की गई थी। सितंबर 2022 में मप्र पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) के 22 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी। यह कार्रवाई लगातार जारी हैं।

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