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मप्र में भाजपा, कांग्रेस बढ़ी, बसपा घटी

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मंगलवार, 10 दिसंबर 2013 (19:15 IST)
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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में मताधिकार का प्रयोग करने वालों की संख्या में वर्ष 2008 के चुनावों की तुलना में तीस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन तीन चौथाई बहुमत के करीब पहुंचने वाली भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त कुल वोटों में 60 प्रतिशत और कांग्रेस को मिले कुल वोटों में 50 प्रतिशत से अधिक इजाफा हुआ है, जबकि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का प्रभाव घटा है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस बार कुल मतदाताओं की संख्या 46631759 थी तथा इनमें से वोट डालने वालों की संख्या 33849550 रहीं, जबकि वर्ष 2008 में कुल मतदाता 36266969 थे जिनमें से 25127120 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया।

इस प्रकार से जहां पांच वर्षों में कुल मतदाताओं की संख्या में एक करोड़ तीन लाख 64790 यानी 28.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, वहीं वोट डालने वालों की तादाद 77 लाख 22 हजार 430 यानी तीस फीसदी ज्यादा रही।

यदि पार्टियों को मिले वोटों पर नजर डाली जाए तो पाएंगे कि वर्ष 2008 में सत्तारुढ़ भाजपा को कुल मतों के 37.64 प्रतिशत यानी 94 लाख 93641 वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में उसे पिछले चुनाव की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा यानी एक करोड़ 51 लाख 89894 मत प्राप्त हुए, जो इस बार के कुल मतों का 44.67 प्रतिशत है। भाजपा को कुल मतों के हिसाब से 7.23 प्रतिशत का लाभ हुआ है और उसकी सीटें भी पिछली बार की 143 की तुलना में 22 बढ़कर 165 हो गईं।

कांग्रेस को भी वोटों का फायदा हुआ है, पर आनुपातिक रूप से भाजपा से कम रहने के कारण उसे पिछली बार की 71 सीटों की तुलना में 13 सीटें गंवानी पड़ीं। कांग्रेस को वर्ष 2008 में कुल मतों के 32.39 प्रतिशत यानी 81 लाख 70318 वोट मिले थे, लेकिन इस चुनाव में उसे पिछली बार के मुकाबले 50.7 फीसदी ज्यादा यानी एक करोड़ 23 लाख 14196 वोट मिले।

कुल मतों के हिसाब से देखा जाए तो उसे 36.38 प्रतिशत वोट मिले, जो पिछले चुनाव की तुलना में 3.99 फीसदी ज्यादा है। कांग्रेस को इस बार 58 सीटें मिलीं हैं। राज्य में तीसरी प्रभावशाली बहुजन समाज पार्टी का वोट प्रतिशत और वोट दोनों ही घटे हैं। बसपा को वर्ष 2008 के चुनाव में 22 लाख 62119 वोट मिले थे लेकिन इस चुनाव में उसके एक लाख 34160 वोट घट गए और उसे 21 लाख 27959 वोट प्राप्त हुए।

प्राप्त वोटों के हिसाब से बसपा को 5.93 प्रतिशत और कुल मतों के हिसाब से 2.68 प्रतिशत का नुकसान हुआ। बसपा को पिछले चुनाव में 8.97 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार उसे 6.29 प्रतिशत मत हासिल हुए है। बसपा की सीटें भी सात से घटकर चार रह गई हैं।

इसी तरह समाजवादी पार्टी के वोटों और हिस्सेदारी के प्रतिशत में भी गिरावट आई है। वह पिछली बार जीती एकमात्र सीट भी गंवा बैठी और इस बार वह खाता तक नहीं खोल पाई। सपा को पिछली बार पांच लाख 1324 वोट मिले थे, जो इस बार करीब 20 प्रतिशत घटकर चार लाख 4846 रह गए। कुल मतों के हिसाब से उसे 2008 में 1.99 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे जबकि इस बार कुल मतों में उसकी हिस्सेदारी 1.19 प्रतिशत ही रह गई।

इस वर्ष चुनावों मे पहली बार मतदाताओं को उम्मीदवारों के साथ उपरोक्त में कोई नहीं (नोटा) का विकल्प दिया गया था। मध्यप्रदेश में करीब 1.99 प्रतिशत यानी छह लाख 43144 सीटों पर लोगों ने नोटा का इस्तेमाल करके तमाम उम्मीदवारों के समीकरण प्रभावित किए। लगभग दो दर्जन सीटों पर नोटा को मिले वोट हार-जीत के अंतर से अधिक रहे। (वार्ता)

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