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मध्यप्रदेश में बंपर वोटिंग के क्या है मायने?, ग्रामीण इलाकों में पोलिंग बूथों पर दिखा महिला वोटर्स का सैलाब

मध्यप्रदेश में बंपर वोटिंग के क्या है मायने?, ग्रामीण इलाकों में पोलिंग बूथों पर दिखा महिला वोटर्स का सैलाब
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विकास सिंह

, शुक्रवार, 17 नवंबर 2023 (18:45 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर आज बंपर वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग के शाम 5 बजे तक 71 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है। ऐसे में चुनाव आयोग जब वोटिंग को लेकर अंतिम आंकड़ें जारी करेगा तब यह मतदान प्रतिशत 80 फीसदी के आसपास होने की संभावना है। प्रदेश के पांच जिलों में वोटिंग प्रतिशत 80 फीसदी के पार पहुंच चुका है।

बंपर वोटिंग के मयाने?- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बंपर वोटिंग के क्या मयाने है, यह अब सबसे बड़ा सवाल बन गया है। भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश में बंपर वोटिंग पर कहा कि प्रदेश के मतदाताओं ने ऐतिहासिक मतदान कर भाजपा को आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने चुनाव में अपनी जो भागीदारी दर्ज कराई है, वह ऐतिहासिक है। महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना और लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रति अपना समर्थन किया है।

वहीं कांग्रेस ने बंपर वोटिंग को अपने पक्ष में बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में 130 सीटों पर जीत रही है, वहीं 65 सीटों पर उसकी भाजपा से कांटे की टक्कर है। कांग्रेस ने प्रदेश में बंपर वोटिंग को बदलाव का वोट बताया है।

अगर 2018 के चुनाव आंकड़ों को देखा जाए तो प्रदेश में 75 फीसदी मतदान हुआ था। ऐसे में अगर इस बार मतदान 80 फीसदी के पास मतदान होता है तो वह पांच फीसदी बढ़कर दर्ज हो गया जो अपने आप में ऐतिहासिक होगा।

अगर प्रदेश के तीन विधानसभा चुनाव के वोटिंग प्रतिशत को देखा जाए तो 2008 के विधानसभा चुनाव में 69.7 फीसदी, 2013 में 72.13 फीसदी और 2018 में 75 फीसदी मतदान हुआ था। ऐसे में इस  बार अगर वोटिंग प्रतिशत 80 फीसदी के आसपास पहुंचता तो नतीजे क्या होगा, यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा।

लाड़ली बहना बनाम एंटी इनकंबेंसी- दिलचस्प बात यह है कि वोटिंग के दौरान पोलिंग बूथों पर सुबह से महिला वोटर्स की बड़ी संख्या देखी गई है। प्रदेश के कई जिलों में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों की संख्या अधिक देखी गई। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार विधानसभा चुनाव में लाड़ली बहना बनाम एंटी इनकंबेंसी का मुद्दा छाया रहा। मतदान के दौरान भी इसका असर देखने  को मिला। प्रदेश के ग्रामीण वोटर्स के बाहुल्य वाली विधानसभा सीटों पर शहरी इलाकों से अधिक मतदान हुआ।

अगर राजधानी भोपाल की बात करें तो जिले के ग्रामीण वोटर्स के बाहुल्य वाली बैरासिया विधानसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ। वहीं शहरी वोटर्स के बाहुल्य वाली भोपाल मध्य विधानसभा सीट पर  सबसे कम मतदान हुआ है। राजधानी भोपाल में शाम पांच बजे तक 59 फीसदी मतदान हुआ है।

वहीं ग्वालियर जिले की ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर 5 बजे तक 70 फीसदी से अधिक मतदान हो चुका है। ऐसे में ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर 75 फीसदी से अधिक मतदान का अनुमान जताया जा रहा है।

वहीं पूरे मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में एंटी इनकंबेंसी का मुद्दा भी खासा छाया रहा है। विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने पर यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई थी कि प्रत्याशी और सरकार दोनों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी बड़ा मुद्दा रही है। यह आज वोटिंग के दौरान भी दिखाई दिया। शहरों वोटर्स में आज वोटिंग के प्रति उदासीनता देखी गई।

प्रदेश में  बंपर वोटिंग के बाद अब सबकी नजरें 3 दिसंबर पर टिक गई है जब प्रदेश के चुनावी नतीजें आएंगे और तभी यह साफ होगा कि बढ़ा हुआ मतदान किसके पक्ष में है और कौन सा सियासी दल सत्ता की कुर्सी पर काबिज होगा।

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