Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मप्र की 47 आदिवासी सीटों पर किसका खेल बिगाड़ेगा जयस?

Webdunia
बुधवार, 11 अक्टूबर 2023 (21:40 IST)
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश में अगले महीने होने जा रहे विधानसभा चुनावों में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों पर कब्जे की सियासी जंग तेज हो गई है। जनजातीय संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के एक धड़े ने चुनावी राजनीति में कदम रखते हुए इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का सिलसिला शुरू कर दिया है, जिससे भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लग सकती है।
 
उच्च शिक्षित आदिवासी युवाओं द्वारा खड़े किए गए इस संगठन ने अपनी पहली सूची में अलीराजपुर, थांदला, पेटलावद और सरदारपुर में निर्दलीय उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। ये चारों सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं।
 
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा ने बुधवार को को बताया कि हम भले ही एक राजनीतिक दल के रूप में चुनाव आयोग में फिलहाल पंजीकृत नहीं हैं, लेकिन पिछले 10 सालों के जमीनी संघर्ष के बाद हमने अपने नेताओं को चुनावी राजनीति में भेजने का फैसला किया है ताकि हम राज्य को अगला आदिवासी मुख्यमंत्री देने का अपना लक्ष्य हासिल कर सकें।
 
उन्होंने कहा कि जयस राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों के साथ ही कुछ ऐसी अनारक्षित सीटों पर भी अपने निर्दलीय उम्मीदवार उतारेगा, जहां चुनाव परिणाम तय करने में जनजातीय समुदाय की बड़ी भूमिका रहती है।
 
मुजाल्दा ने भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक सूबे में इन दोनों दलों की सरकारें रही हैं, लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में बेरोजगारी के कारण लोगों का दूसरे प्रदेशों में पलायन साल-दर-साल बढ़ता गया है। इन इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई की बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी है।
 
वर्ष 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को सूबे के आदिवासी अंचलों में कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। गुजरे पांच सालों के दौरान भाजपा ने आदिवासियों के बीच पैठ बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए हैं जिनमें हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़े अलग-अलग संगठनों की भी मदद ली गई है।
 
क्या बोले भाजपा प्रवक्ता : मौजूदा विधानसभा चुनावों में जयस की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के राज्यसभा सांसद और पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा कि अव्वल तो जयस कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। इसलिए चुनावों में इस संगठन के निर्दलीय उम्मीदवार उतारे जाने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम सभी 47 आदिवासी सीटों पर जीत हासिल करेंगे क्योंकि केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारों ने इस समुदाय के भले के लिए कई कदम उठाए हैं।
 
सोलंकी खुद आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जयस के नेता उनके निजी स्वार्थ पूरे करने के वास्ते कांग्रेस के लिए ‘दलाली’ करते हैं और जनजातीय युवाओं को गुमराह करते हैं। सूबे के जनजातीय बहुल इलाकों में चुनावी जीत कांग्रेस के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी और जैसे शीर्ष नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए जन सभाएं करने के मामले में क्रमश: धार और शहडोल जैसे जनजातीय बहुल जिलों को प्राथमिकता दी है।
 
भाजपा राज में आदिवासियों पर अत्याचार : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि आदिवासी समुदाय देश की आजादी के समय से ही कांग्रेस से जुड़ा है। भाजपा ने आदिवासियों को बरगलाने के लिए भव्य आयोजनों की नौटंकी जरूर की है, लेकिन सचाई यही है कि भाजपा के राज में आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं।
 
उन्होंने कांग्रेस और जयस की तुलना को बेमानी करार देते हुए कहा कि जयस एक सामाजिक संगठन है और आदिवासी बखूबी समझते हैं कि यह संगठन अपने दम पर सूबे में सरकार नहीं बना सकता। वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जयस के राष्ट्रीय संरक्षक हीरालाल अलावा आदिवासी बहुल धार जिले के मनावर क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

राजस्थान सरकार में हुआ विभागों का बंटवारा, जानिए किसे क्‍या मिला?

छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को मिले विभाग, मध्य प्रदेश में अभी भी इंतजार

मोहन के मंत्री तय, 18 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार, 4 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ

मिलान से मेवात आईं, अशोक गहलोत के मंत्री को दी पटखनी, कौन हैं नौक्षम चौधरी?

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा किस दिन लेंगे शपथ? तारीख आ गई सामने

આગળનો લેખ
Show comments