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55 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने आखिर क्यों फर्स्ट टाइम वोटर्स और महिलाओं पर किया फोकस?

55 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने आखिर क्यों फर्स्ट टाइम वोटर्स और महिलाओं पर किया फोकस?
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विकास सिंह

, सोमवार, 25 सितम्बर 2023 (16:34 IST)
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजधानी भोपाल में भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ के जरिए भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया। 55 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने युवाओं और महिलाओं पर खासा जोर दिया। पीएम ने युवाओं और महिलाओं के लिए अपने सरकार के किए कामकाज के गिनाया।  

फर्स्ट टाइम वोटर्स पर विशेष फोकस- भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ में पीएम मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार को बीस साल हो चुके है और जो युवा इस बार चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे उन्होंने भाजपा की सरकार को देखा है। यह युवा सौभाग्यशाली है कि उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस का वह बुरा शासन और बुराईयां देखी नहीं है। कांग्रेस के राज में मध्यप्रदेश में कुनीति, कुशासन और करोड़ों का करप्शन था। कांग्रेस ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया था। प्रदेश के युवाओं ने खस्ताहाल कानून व्यवस्था नहीं देखी,युवाओं ने भाजपा का सुशासन ही देखा है।

कांग्रेस के पास भविष्य की सोच नहीं बची है। पीएम ने कार्यकर्ताओं  से पूछा कि क्या आप एमपी के युवाओं के भविष्य़ को तबाह करना चाहते है। उन्होंने कहा कि  कांग्रेस के पास भविष्य की सोच नहीं है। कांग्रेस जंग लगा वह लोहा जो देखते-देखते बारिश में खत्म हो जाता है।

युवा वोटर्स बनेंगे गेमचेंजर?-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने भाषण में युवाओं पर फोकस करने का बडा कारण है युवा वोटरों की भूमिका है। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार सूबे में करीब साढ़े पांच करोड़ का वोटर अपने मतों का प्रयोग करेंगे। इनमें यूथ वोटर्स (18 से 39 साल) की संख्या 2.83 करोड़ से अधिक है। अगर 2018 के चुनाव नतीजों को देखा जाए तो भाजपा औऱ कांग्रेस के बीच वोट फीसदी में सिर्फ एक फीसदी से भी कम का अंतर था, ऐसे में इस बार भी सरकार बनाने में युवा वोटर्स अपनी निर्णायक भूमिका अदा करेंगे।

वहीं प्रधानमंत्री ने पहली बार वोट करने वाले जिन युवाओं को जिक्र किया उनकी संख्या 14 लाख से उपर है। अगर बात करें वोटों के चुनावी गणित की तो चुनाव में सत्ता हासिल करने वाली पार्टी और उसको कड़ी टक्कर देने वाली पार्टी के बीच मतों का अंतर इस बार फिर एक से तीन फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। ऐसे में प्रदेश का युवा वोटर्स इस बार विनिंग फैक्टर का काम कर सकता है।

महिलाओं पर विशेष फोकस-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में युवाओं के साथ महिलाओं के लिए अपनी सरकार के किए गए कार्यों को जिक्र किया। पीएम ने संसद से  पास किए नारी शक्ति वंदन बिल का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नए-नए घमंडिया गठबंधन ने मजबूरी में बिल का समर्थन बहुत खट्टे मन से किया है और यह खट्टा मन उनके बयान में दिखता है। पीएम ने कहा  कि अब यह लोग (विपक्ष) नारी शक्ति को बांटने की कोशिश करेंगे। हर माता-बहन को सावधान रहना होगा। यह वहीं लोग है देश की पहली महिला राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू को राष्ट्रपति बनने से रोकने की भऱसक कोशिश की। कांग्रेस ने महिलाओं को सरकार की हर योजना से दूर ऱखा।

आधी आबादी तय करेगी नई सरकार!- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने भाषण में महिलाओं पर विशेष जोर देने का गणित भी सीधा वोटों से जुड़ा है। दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में महिला वोटर्स गेमचेंजर की भूमिका में है। प्रदेश में करीब साढ़े पांच करोड़ वोटरों में महिला वोटर्स की संख्या दो करोड़ 60 लाख है, यानि कुल वोटरों में 48 फीसदी महिला वोटर है। वहीं प्रदेश की 50 सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिला वोटर है। वहीं प्रदेश की 52 जिलों में 41 जिले ऐसे है जहां पर महिला वोटरों के नाम ज्यादा जुड़े है। प्रदेश में महिला वोटरों की संख्या 7.07 लाख बढ़ी है जबकि नए पुरुष मतादाताओं की संख्या 6.32 लाख बढ़ी है। यहीं कारण है कि चुनावों से ठीक पहले शिवराज सरकार ने लाड़ली बहना योजना लाकर महिला वोटर्स को साधने की कोशिश की है।

 

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