Bhopal Political News: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी 6 से 7 महीने का समय बचा हो लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में अंसतुष्ट नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ((Deepak Joshi) के शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच अब पार्टी के बड़े नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा (Raghunandan Sharma) की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई है। वहीं मालवा के बड़े भाजपा नेता भंवर सिंह शेखावत ने भी बगावती बिगुल फूंक दिया है।
रघुनंदन शर्मा ने अपनी ही पार्टी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की पूछ परख नहीं हो रही है, इसलिए कार्यकर्ता नाराज है। इतना ही नहीं रघुनंदन शर्मा ने पार्टी के बड़े नेताओं को सीख देते हुए कहा कि पार्टी को नाराज कार्यकर्ताओं को मनाना चाहिए नहीं तो इनकी नाराजगी चुनाव में भाजपा पर भारी पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को इसके लिए तुरंत कदम उठाना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी के लिए मौजूदा वक्त में नाराज कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना सबसे अहम है नहीं तो चुनाव पर इसका असर पड़ेगा।
अपनी पार्टी से बगावती तेवर दिखाने वाले दीपक जोशी ने पिछले दिनों रघुनंदन शर्मा से मुलाकात की थी। रघनुंदन शर्मा ने दीपक जोशी की नाराजगी पर कहा कि दीपक जोशी अपने पिता कैलाश जोशी की समाधि को लेकर व्यथित हैं और उनसे बातचीत में कह रहे थे पिताजी की समाधि धूल खा रही है और पार्टी में उनका मान सम्मान नहीं है।
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उधर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है। देवास की हाटपिपलिया सीट से तीन बार भाजपा के विधायक रह चुके दीपक जोशी ने कांग्रेस में शामिल होने के संकेत दिए है। वहीं वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने दीपक जोशी का कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दीपक जोशी को पूरा सम्मान देगी। दीपक जोशी की भाजपा से नाराजगी की मुख्य वजह विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी है।
2018 के विधानसभा चुनाव में दीपक जोशी को कांग्रेस उम्मीदवार रहे मनोज चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था, वहीं 2020 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर मनोज चौधरी हाटपिपलिया से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। ऐसे में अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा मनोज चौधरी को टिकट देने की तैयारी में है, ऐसे में दीपक जोशी जो अब अपने राजनीतिक वजूद की लड़ाई ल़ड़ रहे है उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने के संकेत दिए है।
मालवा के बड़े नेताओं में नाराजगी- पूर्व मंत्री दीपक जोशी के साथ मालवा से आने वाले भाजपा के कई और नेताओं भी अब खुलकर अपनी नाराजगी दिखा रही है। धार से आने वाले भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई है।
धार के बदनावर से भाजपा के विधायक रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत ने साफ कह दिया है कि अगर पार्टी में उनकी नहीं सुनी गई तो वह पार्टी छोड़ सकते है। भंवर सिंह शेखावत ने अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रखने की बात करते हुए कहा कि वह बदनावर से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके साथ अगर पार्टी कहेगी तो वह किसी अन्य सीट से भी चुनाव लड़ने को तैयार है लेकिन अगर टिकट नहीं मिला तो वह अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।
भंवर सिंह शेखावत की नाराजगी की मुख्य वजह कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राजवर्धन सिंह दत्तीगांव है। शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव वर्तमान में बदनावर सीट से भाजपा विधायक है और विधानसभा चुनाव में दत्तीगांव का फिर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना तय है।
राहुल लोधी भी पहुंचे भाजपा दफ्तर-उधर दमोह से टिकट के दावेदार पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया के भाजपा में वापसी के बाद आज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राहुल लोधी भाजपा कार्यालय पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकत की। भाजपा दफ्तर पहुंचे राहुल लोधी ने कहा कि वह दमोह से टिकट के लिए अपनी दावेदारी रखेंगे। गौरतलब है कि 2020 के उपचुनाव में राहुल लोधी को हार का सामना करना पड़ा था और चुनाव में मलैया परिवार पर भीतरघात करने का आरोप लगा था।
वहीं अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मलैया परिवार ने फिर टिकट की दावेदारी कर दी थी और पिछले दिनों सिद्धार्थ मलैया ने भाजपा में वापसी की थी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में सिद्धार्थ मलैया भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद सिद्धार्थ मलैया ने कहा था कि अब उनकी घर वापसी हो गई है और पार्टी उनको जो भी जिम्मेदारी देगी उसको वह निभाएंगे।