Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण किस राशि के लिए क्या लाया है संदेश?

Lunar eclipse effects
, मंगलवार, 8 नवंबर 2022 (11:16 IST)
Chandra grahan ka rashiyo par prabhav : वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को शाम 05:32 पर प्रारंभ होगा और 06:18 पर समाप्त होगा। इसका मोक्ष काल 07:25 पर रहेगा। यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, एशिया, दक्षिण और उत्तर अमेरिका, उत्तरी-पूर्वी यूरोप, प्रशान्त महासागर, पेसिफिक, अटलांटिक और हिन्द महासागर के अधिकांश भागों में दिखाई देगा। आओ जानते हैं कि इस ग्रहण का राशियों पर क्या होगा प्रभाव।
 
चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा | Chandra grahan ka 12 rashiyo par prabhav:
 
1. मेष राशि- आपकी राशि पर इसका प्रभाव अशुभ बताया जा रहा रहा है। उनके साथ किसी भी प्रकार की घात हो सकती है।
2. वृषभ राशि- आपकी राशि पर इसका प्रभाव अशुभ रहेगा। आपको किसी भी प्रकार की हानि हो सकती है।
 
3. मिथुन राशि- आपकी राशि पर यह चंद्र ग्रहण लाभकारी है। आपको किसी भी प्रकार का लाभ हो सकता है।
 
4. कर्क राशि- आपकी राशि पर यह चंद्र ग्रहण सुखकारी है। धन, यात्रा या अन्य किसी भी प्रकार का सुख मिल सकता है।
 
5. सिंह राशि- आपकी राशि पर यह ग्रहण अशुभ है। मान-सम्मान को क्षति पहुंच सकती है यानी मानहानि होने की संभावना है।
webdunia
6. कन्या राशि- आपकी राशि पर यह चंद्र ग्रहण अशुभ है। आपको किसी भी प्रकार का मृत्युतुल्य कष्ट हो सकता है।
 
7. तुला राशि- आपकी राशि पर यह ग्रहण अशुभ है। आपको स्त्री पीड़ा हो सकती है। 
 
8. वृश्चिक राशि- आपकी राशि पर यह चंद्र ग्रहण शुभ है। यह सौख्यम अर्थात सुख देने वाला है। 
 
9. धनु राशि- आपकी राशि के लिए भी यह चंद्र ग्रहण अशुभ माना जा रहा है। यह किसी प्रकार की चिंता दे सकता है।
 
10. मकर राशि- आपकी राशि पर भी यह चंद्र ग्रहण अशुभ है। आपको किसी बात को लेकर व्यथा का सामना करना पड़ सकता है।
11. कुंभ राशि- आपकी राशि के लिए यह ग्रहण शुभ माना जा रहा है। यह श्री यानी धन प्राप्ति का योग बना सकता है।
 
12. मीन राशि- आपकी राशि पर यह चंद्र ग्रहण अशुभ असर देने वाला माना जा रहा है। यह किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है आज : कब से कब तक है? सूतक, स्पर्श, पुण्य, मध्यकाल और मोक्षकाल पर एक नज़र