article 371 : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जयपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बारे में बात करते हुए अनुच्छेद 371 का गलती से उल्लेख कर दिया। मामले में सियासत गरमा और भाजपा और कांग्रेस इस मामले पर आमने सामने हो गए।
भाजपा ने साधा निशाना : अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करने को लेकर भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर निशाना साधा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की अवधारणा को नहीं समझने के लिए विपक्षी दल की इतालवी संस्कृति को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को जानकारी के लिए बता दूं कि सरकार ने 371 नहीं 370 हटाया है।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने भी कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कश्मीर पर चर्चा करते हुए धारा 371 का जिक्र किया, यह न जानने के बावजूद कि यह धारा 370 है या 371, और उन्होंने भारत की अखंडता पर सवाल उठाया।
शाह और नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर खरगे के भाषण का वीडियो साझा किया, जिसमें वह राजस्थान में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
कांग्रेस का पलटवार : भाजपा की आलोचना का जवाब देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जयपुर में अपने भाषण में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गलती से कहा कि मोदी अनुच्छेद-371 को रद्द करने का श्रेय लेते हैं। उनका मतलब स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 370 था।
उन्होंने कहा कि लेकिन सच्चाई यह है कि मोदी वास्तव में नगालैंड से संबंधित अनुच्छेद 371-ए, असम से संबंधित अनुच्छेद 371-बी, मणिपुर से संबंधित अनुच्छेद 371-सी, सिक्किम से संबंधित अनुच्छेद 371-एफ, मिजोरम से संबंधित अनुच्छेद 371-जी और और अरुणाचल प्रदेश से संबंधित अनुच्छेद 371-एच में बदलाव करना चाहते हैं।
क्या है आर्टिकल 371 : भारतीय संविधान के अनुसार देश के कुछ राज्यों को अनुच्छेद 371 (Article 371) के तहत सीमित स्वायत्तता दी गई है। ऐसे राज्यों में नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं। आर्टिकल 371 (A-J) नगालैंड, असम, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन राज्यों को विशेष दर्जा उनकी जनजातीय संस्कृति को संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 371 में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और आंध्रप्रदेश के लिए भी कुछ मामलों में विशेष उपबन्ध किए गए हैं। हालांकि अनुच्छेद 371 के तहत कुछ राज्यों के लिए किए गए विशेष प्रावधान समय के साथ खत्म हो चुके हैं।
अनुच्छेद 371 में किस तरह के विशेष अधिकार : यदि अनुच्छेद 371 से जुड़े विशेषाधिकार की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में बाहरी व्यक्ति खेती के लिए जमीन नहीं खरीद सकता। इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश का निवासी यदि किसान नहीं है तो वह भी खेती की जमीन नहीं खरीद सकता।
इसी तरह अनुच्छेद 371-A के तहत नगालैंड तीन विशेष अधिकार दिए गए हैं- 1. भारतीय संसद का कोई भी कानून नगालैंड के लोगों के सांस्कृतिक और धार्मिक मामलों में लागू नहीं होगा। 2. नगा लोगों के प्रथागत कानूनों और परंपराओं को लेकर संसद का कानून और सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश लागू नहीं होगा। और 3. नगालैंड में जमीन और संसाधन किसी गैर नगा को स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही स्थानीय नागरिक ही नगालैंड की जमीन खरीद सकता है। दूसरे राज्य का व्यक्ति यहां जमीन नहीं खरीद सकता।
अनुच्छेद 371 G के तहत मिजोरम में भी जमीन का मालिकाना हक सिर्फ वहां बसने वाले आदिवासियों का है। कोई बाहरी व्यक्ति वहां जमीन नहीं खरीद सकता।
Edited by : Nrapendra Gupta