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BJP से निष्कासन के बाद पार्टी और येदियुरप्पा को लेकर क्या बोले पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा?

6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया

BJP से निष्कासन के बाद पार्टी और येदियुरप्पा को लेकर क्या बोले पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 (19:44 IST)
K.S. Eshwarappa : कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा (K.S. Eshwarappa) ने शिवमोगा (Karnataka) में मंगलवार को कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) से निष्कासन का भय नहीं था। साथ ही उन्होंने पूरे जोश के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) लड़ने का संकल्प दोहराया। ईश्वरप्पा ने कहा कि उनका निष्कासन अपेक्षित था।
 
भाजपा ने सोमवार को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ईश्वरप्पा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।

 
6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया : प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष लिंगराज पाटिल ने निष्कासन आदेश में कहा कि पार्टी के निर्देशों की अनदेखी करते हुए आप शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से एक बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है। इसमें कहा गया कि इसलिए आपको सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है और तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है। ईश्वरप्पा चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं, पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें मनाने की कोशिशें विफल हुई हैं।
 
ईश्वरप्पा ने कर्नाटक में भाजपा को खड़ा किया : विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता ईश्वरप्पा को निष्कासित करने का पार्टी का फैसला लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 7 मई को कर्नाटक में होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारी वापस लेने के आखिरी दिन आया। येदियुरप्पा और दिवंगत एच.एन. अनंत कुमार के साथ ईश्वरप्पा को कर्नाटक में जमीनी स्तर पर भाजपा को खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है।

 
पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले 75 वर्षीय ईश्वरप्पा ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि वे चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं और उन्हें किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारने पर विचार न किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब ईश्वरप्पा को फोन किया था और उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी तथा पार्टी के निर्देशों के अनुसार चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के उनके कदम की सराहना की थी।
 
ईश्वरप्पा ने मंगलवार को यहां व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि मुझे अपने निष्कासन के संबंध में पार्टी से कोई सूचना नहीं मिली है। सच तो यह है कि मैं सोच रहा था कि मुझे अभी तक निष्कासित क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मैं निष्कासन से नहीं डरूंगा। मेरा चुनाव लड़ना स्पष्ट है, शिवमोगा (शिमोगा लोकसभा सीट) से जीतना स्पष्ट है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों को मजबूत करना भी स्पष्ट है।

 
'गन्ना वाला किसान' चुनाव चिह्न आवंटित : उन्होंने कहा कि उन्हें 'गन्ना वाला किसान' चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है, जो उनके निर्वाचन क्षेत्र के किसानों से उनके लिए आशीर्वाद का संकेत देता है। ईश्वरप्पा पड़ोसी हावेरी निर्वाचन क्षेत्र से अपने बेटे के ई कांतेश के लिए टिकट चाह रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर ईश्वरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य बी.एस. येदियुरप्पा के खिलाफ विद्रोह कर दिया और उन पर अपने बेटे की राजनीतिक संभावनाओं को खत्म करने का आरोप लगाया।
 
येदियुरप्पा और उनके 2 बेटे शिमोगा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बी वाई राघवेंद्र और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं शिकारीपुरा विधायक बी वाई विजयेन्द्र पर निशाना साधते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि भाजपा कर्नाटक में 'पिता-पुत्र' की पार्टी में बदल गई है जिसमें प्रचुर मात्रा में भाई-भतीजावाद है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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