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फिर बढ़ी उम्मीद, बना रह सकता है यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन

फिर बढ़ी उम्मीद, बना रह सकता है यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन
, बुधवार, 21 फ़रवरी 2024 (14:31 IST)
Loksabha election 2024 : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन टूटने की खबरों के बीच अब एक बार फिर गठबंधन बचने की खबरें आ रही हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस कहा उत्तर प्रेदश में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा। इसकी घोषणा बुधवार शाम 5 बजे की जा सकती है। 
 
हालांकि इससे पहले यह खबरें भी थीं की 3 सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। ऐसे में गठबंधन की संभावना नहीं के बराबर है। यदि अखिलेश यादव राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होते हैं तो तो यह तय हो जाएगा कि दोनों पार्टियां अगला लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ सकती हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। अंत भला तो सब भला। 
 
इन तीन सीटों पर फंसा है पेंच : दरअसल, दोनों पार्टियों के बीच तीन सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सपा अमेठी, रायबरेली समेत 17 सीटें कांग्रेस को देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस बलिया, बिजनौर और मुरादाबाद सीट भी चाहती है। मुरादाबाद सीट पर अभी सपा का सांसद है। अत: तकीनीकी रूप से कांग्रेस का इस सीट पर दावा नहीं बनता। वहीं, बलिया सीट पर कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को चुनाव लड़ाना चाहती है। 
 
इससे पूर्व, सपा ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 11 सीट की पेशकश की थी, जबकि कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने अधिक सीट की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा था कि उनकी पार्टी को करीब दो दर्जन सीट दी जानी चाहिए, जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में उसने जीत हासिल की थी। 
 
सपा ने 27 उम्मीदवार घोषित किए : इस बीच समाजवादी पार्टी ने 3 बार में क्रमश: 16, 11 और 5 लोकसभा प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। तीनों सूचियों को मिलाकर सपा 31 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इनमें अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को भी मैनपुरी से उम्मीदवार बनाया गया है। तीसरी सूची में बदायूं से पार्टी ने शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि पहली सूची में यहां से धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। 
 
कांग्रेस को ये 17 सीटें देना चाहती है सपा : सपा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए गांधी परिवार का गढ़ रहीं अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट के साथ ही वाराणसी, प्रयागराज, देवरिया, बांसगांव, महाराजगंज, बाराबंकी, कानपुर, झांसी, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हाथरस और सहारनपुर की सीट छोड़ने के लिए तैयार है।
 
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत पाई थी। अमेठी सीट पर राहुल गांधी स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta

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