Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मुरैना में मोदी के करीबी मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अग्निपरीक्षा, जातीय समीकरण को साधकर कांग्रेस ने की पटखनी देने की तैयारी

विकास सिंह
शनिवार, 11 मई 2019 (12:24 IST)
भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में जिन आठ सीटों पर मतदान होना है उसमें मुरैना लोकसभा सीट ऐसी है जिस मोदी सरकार के बड़े मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
 
कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस बार अपनी सीट बदलते हुए ग्वालियर की जगह मुरैना से चुनाव लड़ने का फैसला किया वही दूसरी ओर कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रामनिवास रावत को चुनावी मैदान में उतारा।
 
नरेंद्र सिंह तोमर 2009 में मुरैना से चुनाव जीतने के बाद 2014 में अपनी सीट बदलते हुए ग्वालियर से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। 2014 में मुरैना से सांसद चुने गुए भाजपा के अनूप मिश्रा के पहले विधानसभा चुनाव हराने और उनके खिलाफ क्षेत्र में एंटी इंनकमबेंसी को देखते हुए पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। अनूप मिश्रा टिकट कटने के बाद नाराज बताए जा रहे हैं, अनूप मिश्रा की नाराजगी चुनाव में नरेंद्र सिंह तोमर पर भारी पड़ सकती है।
 
मुरैना लोकसभा क्षेत्र में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में सिर्फ एक पर भाजपा का कब्जा है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने सात सीटें जीतकर लोकसभा चुनाव में अपनी तगड़ी दावेदारी कर दी थी। कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास रावत जिन्हें विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था उन पर पार्टी ने फिर एक बार भरोसा दिखाते हुए चुनावी मैदान में उतारा है।
 
रामनिवास रावत के सहारे कांग्रेस जातीय समीकरण साधकर नरेंद्र सिंह तोमर को पटखनी देने की तैयारी में है लेकिन भाजपा के बड़े चेहरे नरेंद्र सिंह तोमर से मुकाबला होने से उनकी राह आसान नहीं होगी।
 
वरिष्ठ पत्रकार का नजरिया – ग्वालियर-चंबल की सियासत को काफी करीब से देखेने वाले वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राकेश पाठक का कहना हैं कि मुरैना में इस बार मुकाबला काफी कांटे का नजर आ रहा है। भाजपा के वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा का टिकट कटने से ब्राहाम्ण वोटर नाराज नजर आ रहे है जो चुनाव में भाजपा पर भारी पड़ सकता है।
 
वहीं पिछले चुनाव में जो बसपा दूसरे नंबर पर थी उसके इस बार बाहरी उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना को उम्मीदवार बनाए जाने पर आश्चर्य जताते हुए राकेश पाठक कहते हैं कि चुनाव में दलित वोटरों का रूख क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा। राकेश पाठक कहते हैं कि कांग्रेस का सात विधानसभा सीटों पर काबिज होना और ज्योतिरादित्य सिंधिया का खुद कई सभा करने से रामनिवास रावत काफी मजबूत नजर आ रहे हैं।
 
राकेश पाठक कहते हैं कि मुरैना सीट पर जातीय फैक्टर को दरकिनार नहीं किया जा सकता है इसलिए पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जातीय कार्ड खेलते भी नजर आए और चुनावी में जीत – हार भी जातीय समीकरण तय करेंगें।
 
सीट का सियासी समीकरण – अगर मुरैना सीट के सियासी समीकरण की बात करें तो संसदीय सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत हासिल की थी वहीं भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। चंबल की इस महत्वपूर्ण सीट पर जातीय समीकरण भी बहुत अहम रोल अदा करते है। मुरैना मे दलित मतदाता करीब तीन लाख के करीब है वहीं ब्राहाम्ण और क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या चार लाख से अधिक है। वहीं वैश्य,मुस्लिम और मीणा जाति के वोटरों की संख्या चार लाख के करीब है। ऐसे नरेंद्र सिंह तोमर की नजर ब्राहाम्ण और क्षत्रिय मतदाताओं पर है तो वहीं ओबीसी वर्ग से आने वाले रामनिवास रावत की नजर दलित  वोटरों पर है। 2014 के लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस के चुनावी मुकाबला कही से आसान नहीं है।
 
2014 का क्या था नतीजा – अगर बात 2014 के लोकसभा चुनाव की करें तो मुरैनी सीट पर भाजपा के अनूप मिश्रा ने जीत हासिल की थी। अनूप मिश्रा को 3,75,567 वोट मिले थे तो बसपा के बृंदावन सिंह 2,42586 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस तीसरे स्थान पर थी।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

संजय राउत गुस्से में, उठाए चुनाव परिणाम पर सवाल, जनता के बारे में कही ये बात

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

'गौतम सर ने कहा था कि तेज गेंदों का ऐसे सामना करो जैसे देश के लिए गोली खानी हो': नीतिश रेड्डी

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

LIVE: PM मोदी बोले- महाराष्ट्र ने कुर्सी फर्स्ट को नकारा, कोई ताकत 370 वापस नहीं ला सकती

15 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

આગળનો લેખ
Show comments