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कांग्रेस का आरोप, BSNL और MTNL को ‘धीमा जहर’ दे रही है मोदी सरकार

कांग्रेस का आरोप, BSNL और MTNL को ‘धीमा जहर’ दे रही है मोदी सरकार
, गुरुवार, 4 अप्रैल 2019 (22:13 IST)
नई दिल्ली। भारत संचार नगर लिमिटेड (BSNL) की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 54 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने की तैयारी से जुड़ी खबरों को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी सरकार BSNL एवं MTNL को ‘धीमा जहर’ दे रही है।
 
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि निजी संचार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘सूटबूट वाली सरकार’ भारत में संचार क्रांति की सूत्रधार रहीं इन दोनों सरकारी कंपनियों को बंद करने की साजिश कर रही है।
 
सुरजेवाला ने कहा कि नरेंद्र मोदीजी का मॉडल सरकारी धन से अपने पूंजीपती मित्रों को बचाना और सरकारी कंपनियों को डुबाना है। हमारा आरोप है कि प्रधानमंत्री दशकों से फायदे में चली आ रही कंपनियों को बंद करने की साजिश कर रहे हैं। हम विशेष रूप से BSNL और MTNL के संदर्भ में यह बात कर रहे हैं।
 
उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव के बाद मोदी सरकार BSNL के 54 हजार कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में है। MTNL के कर्मचारियों की रोजीरोटी भी खतरे में पड़ गई है। सूटबूट की सरकार चुनिंदा उद्योगपतियों को जनता के पैसे से प्रोत्साहन पैकेज देती है, लेकिन BSNL एवं MTNL को बंद करने की साजिश कर रही है। इस सरकार की पूरी कोशिश सरकारी कंपनियों को खत्म करने की है।
 
उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि BSNL अपने कर्मचारियों को महीनों तक वेतन नहीं दे पाई है। निजी कंपनियों कर्ज लेने की छूट है, लेकिन BSNL एवं MTNL को बैंक से कर्ज लेने की छूट नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार BSNL को 4जी स्पेक्ट्रम नहीं दे रही है।
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सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदीजी आप नौकरियां छीनकर और इन सरकारी कंपनियों को धीमा जहर देकर क्यों मार रहे हैं? आप सरकारी कंपनियों की बजाय निजी कपंनियों को प्रोत्साहन पैकेज क्यों दे रहे हैं?  उन्होंने कहा कि देश की जनता सरकारी कंपनियों को कमजोर करने और निजी मजबूत करने के लिए नरेंद्र मोदी को कभी माफ नहीं करेगी।
 
खबरों के मुताबिक आर्थिक स्थिति सही करने के लिए और BSNLको फिर से पटरी पर लाने के लिए कंपनी बोर्ड ने कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। कॉस्ट कटिंग के लिए 54 हजार कर्मचारियों को समय पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृति देने तथा कई और सुझावों को भी बोर्ड स्वीकार किया है।

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