पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की महारैली का आयोजन किया गया। इस मंच पर 22 विपक्षी पाटियों के बड़े नेता एक सुर में बीजेपी सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए दिखाई दिए। इनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, सपा नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, नेकां नेता फारुक अब्दुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा, बसपा सतीश मिश्रा जैसे नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
इतना ही नहीं, ममता के मंच शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए। इस मंच से लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विरुद्ध तैयार हो रहे महागठबंधन का ट्रेलर दिखाई दिया। जानते हैं वे पांच बातें तो जो बन सकती है भाजपा की हार का कारण-
1. एकजुट विपक्ष : ममता बनर्जी ने विपक्षी पार्टियों की रैली बुलवाई, उसमें 22 पार्टियों के बड़े नेता शामिल हुए। मंच पर सभी में एकजुटता दिखाई दी। आने वाले लोकसभा चुनावों में यदि यह एकजुटता बनी रहती है तो निश्चित ही भाजपा को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। इसमें उप्र में सपा-बसपा, दक्षिण में चन्द्रबाबू नायडू और स्टालिन जैसे नेता मोदी और शाह की जोड़ी के लिए चुनौती बन सकते हैं।
2. शत्रु के बगावती तेवर : भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने ममता की रैली में अपनी ही सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब देश बदलाव के मूड में है। कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि मैं बीजेपी के खिलाफ बोलता हूं, लेकिन अगर सच कहना बगावत है तो मैं बागी हूं। शत्रुघ्न सिन्हा ने नोटबंदी जैसे मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ पत्रकार अरुण शौरी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा।
3. केजरीवाल ने दिखाया डर : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ममता के मंच से मोदी सरकार पर निशाना साधा और उन्होंने मॉब लिंचिंग और देश को बांटने का आरोप मोदी सरकार पर लगाया। केजरीवाल ने जनता में मोदी सरकार को लेकर यह डर दिखाया कि अगर 2019 में अगर मोदी सरकार बनी तो देश का संविधान बदल देगी, जैसा हिटलर ने जर्मनी में किया था।
4. अपने हुए पराए : ममता बनर्जी के मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मोदी सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की। यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी किसी भी मंच पर मोदी सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। शौरी ने कहा कि अगर विपक्ष एकजुट हो जाएगा तो हम मोदी को हटा सकते हैं। इसके लिए विपक्ष को 'एक अर्जुन' बनना पड़ेगा। मोदी सरकार हर संस्था को बर्बाद कर रही है। अब देश की जनता का मोदी और शाह से विश्वास उठ चुका है। वे भी समझ गए हैं कि अब उनके दिन जाने वाले हैं।
5. दक्षिण से नायडू का साथ : कभी बीजेपी नीत एनडीए का हिस्सा रहे चन्द्रबाबू नायडू ने भी ममता की रैली में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की सत्ता में काबिज होने के लिए बीजेपी सरकार ने विधायकों की बोली लगाई। पैसे से उन्हें खरीदना चाहा। इस सरकार में सीबीआई, ईडी और अन्य संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। ईवीएम की जगह हमें पारदर्शी चुनाव के लिए बैलेट पेपर पर उतरना होगा। वर्ष 2019 में देश को नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा। अमरावती में इससे भी बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। हार्दिक और जिग्नेश जैसे युवा नेता जुड़ने से भी विपक्ष के इस महागठबंधन को मजबूती मिलेगी।