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गरीब और किसान छीनेगा चौकीदार की कुर्सी, गठबंधन की रैली में मोदी सरकार पर बरसे मायावती और अखिलेश, कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा

गरीब और किसान छीनेगा चौकीदार की कुर्सी, गठबंधन की रैली में मोदी सरकार पर बरसे मायावती और अखिलेश, कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा
, रविवार, 7 अप्रैल 2019 (19:49 IST)
देवबंद (सहारनपुर)। भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए उत्तरप्रदेश में तीन बड़े दलों के नेताओं ने रविवार को एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए पहली बार मंच साझा किया और कहा कि गरीब, अल्पसंख्यक और किसानों की आवाज को कुचलने वाली मोदी सरकार की विदाई का काम गठबंधन करेगा। 
 
विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम की भूमि देवबंद पर आयोजित जनसभा में शामिल समर्थकों की बड़ी तादाद से गदगद तीनों दलों के प्रमुख नेताओं ने मोदी सरकार को गरीब, किसान, अल्पसंख्यक और मजदूर विरोधी करार दिया और देशहित में गठबंधन प्रत्याशियों को जिताने की अपील की।
 
उन्होंने कहा कि गरीब, अल्पसंख्यक और किसानों के पक्ष में खड़े गठबंधन की आवाज को दबाने के लिए मोदी सरकार सरकारी एजेंसियों का जमकर दुरुपयोग कर रही है, इसलिए देश बड़ी बेसब्री से नए दल और नए प्रधानमंत्री की राह तक रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 11 अप्रैल को पश्चिमी उत्तरप्रदेश की आठ सीटों के लिए मतदान होगा। 
 
गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि खुद को कभी चायवाला तो कभी चौकीदार कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झूठे वादों का मिथक टूट चुका है और देश की जनता नए दल का नया प्रधानमंत्री चुनने का प्रण कर चुकी है। 
 
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने इशारों ही इशारों में प्रधानमंत्री बनने की मंशा का इजहार करते हुए कहा कि गठबंधन की सरकार बनने की दशा में वे उत्तरप्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रहने के अपने अनुभव का भरपूर इस्तेमाल कर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का काम करेंगी।
 
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने कहा कि संविधान लोगों को सरकार बदलने की ताकत देता है। यह चुनाव देश का भविष्य तय करेगा और भाजपा का सूपडा साफ हो जाएगा। मायावती के साथ मंच पर उनके भतीजे आकाश आनंद और राज्यसभा में नेता सतीश चन्द्र मिश्र भी थे जबकि रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि वे चुपचाप बैठे रहे।
 
बसपा सुप्रीमो ने मंच पर मौजूद गठबंधन के सहारनपुर के बसपा उम्मीदवार फजलुर्रहमान कुरैशी, मुजफ्फरनगर के रालोद उम्मीदवार चैधरी अजित सिंह कैराना की सपा प्रत्याशी मौजूदा सांसद तबस्सुम हसन, बिजनौर सीट के बसपा प्रत्याशी मलूक नागर और बागपत के रालोद प्रत्याशी जयंत चौधरी का नाम लेकर मतदाताओं से उन्हें जिताने की पुरजोर अपील की। 
 
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 17 वीं लोकसभा का यह चुनाव इतिहास बनाने का चुनाव है। उन्होंने सहारनपुर के बेहट स्थित मां शाकुंबरी देवी के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा और विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी पिछले चुनाव में चाय वाला बनकर आए और इस बार चौकीदार बनकर आए है। अबकी बार गरीब और किसान चौकीदार की कुर्सी छीनेगा। 
 
मोदी के गठबंधन को महामिलावटी बताए जाने पर तंज कसते हुए उन्होने कहा कि यह महापरिवर्तन का गठबंधन है,  जो नई सरकार और नया प्रधानमंत्री देगा। गठबंधन चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढाएगा। डॉ. अंबेडकर और कांशीराम ने जो सपना देखा था, वह इस बार पूरा होगा। उन्होंने मोदी पर समाज बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि अंग्रेजों की तरह देश और समाज को बांटकर सरकार बनाने का प्रयास अबकी जनता सफल नहीं होने देगी। 
 
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में दंगों से बनी दो समुदायों के बीच बनी नफरत की दीवार चौधरी अजित सिंह के साथ आने से गिर गई है जिससे भाजपा घबराई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की सोच और नीतियां समाज में बदलाव नहीं लाने वाली है। उन्होंने अपने गठबंधन का समर्थन करते हुए कहा कि इससे लोगों के बीच की दूरियां मिटेंगी, भाईचारा बढ़ेगा।
 
अखिलेश ने मायावती और अपनी सरकारों के दौरान गन्ना किसानों विद्युत उत्पादन, सडकों एवं फ्लाईओवर बनाए जाने की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी और योगी दोनो की सरकारें कोई काम नहीं कर पाई हैं और इसलिए इधर-उधर की बातें करती हैं।
 
रालोद प्रमुख और मुजफ्फरनगर के गठबंधन प्रत्याशी चौधरी अजित सिंह ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा का सूपडा साफ हो जाएगा। यह चुनाव भारत का भविष्य तय करेगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायधीशों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश के प्रजातंत्र को खतरा बताया था। अमित शाह मोदी के 50 साल राज करने और भाजपा के उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज के इसे आखिरी चुनाव बताते हैं। इससे पता चलता है कि इस चुनाव का कितना महत्व है। 
 
अजित सिंह ने कहा कि मोदी ने 2014 में लोगों के अच्छे दिन आने का वादा किया था, लेकिन लोगों के तो अच्छे दिन नहीं आए पर मोदी के अच्छे दिन जरूर आए। जो दिन में तीन बार सूट बदलते हैं और दुनिया के सैर-सपाटे पर रहते हैं। रेडियो पर अपने मन की बात करते हैं और एक दिन में तीन बार टीवी पर बोलते हैं। उन्होंने कहा कि पहले मोदी की विदाई होगी फिर बाद में योगी जाएंगे।

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