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लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकती हैं नरेन्द्र मोदी की ये 5 बड़ी कमजोरियां

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मंगलवार, 12 मार्च 2019 (17:58 IST)
(वेबदुनिया चुनाव डेस्क)
लोकसभा चुनाव 2014 में एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल कर यूपीए को सत्ता से बाहर किया था। भाजपा ने चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। मोदी लहर के चलते भाजपा को अभूतपूर्व जीत मिली थी। भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल कर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को 44 सीटों पर सिमटा दिया था। अब लोकसभा चुनाव 2019 की रणभेरी के साथ ही भाजपा फिर संग्राम में उतर रही है। हालांकि इस बार कोई लहर नहीं है। जानते हैं मोदी सरकार की वे कमजोरियां जो उसे लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकती हैं-
 
1. राफेल पर विपक्ष की घेराबंदी : विपक्षी दल राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राफेल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आक्रामक हो गए हैं। राहुल, मोदी सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं कि राफेल विमान की डील में एक उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया गया है और वह इसे जनता से छिपा रही है। फ्रांस की कंपनी से तय कीमत से ज्यादा में राफेल विमान की डील की गई है। राहुल ने 'चौकीदार चोर है' जैसे जुमलों को लेकर मोदी पर निशाना साधा।
 
2. नोटबंदी और जीएसटी : देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और कालेधन को समाप्त करने के लिए मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े कदम उठाए। कहा गया कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था से काला धन बाहर आएगा और जीएसटी लागू होने से कर में पारदर्शिता आएगी, लेकिन विपक्ष नोटबंदी और जीएसटी को लेकर यह आरोप लगाता रहा कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यस्था की रफ्तार धीमी हो गई और व्यापार-धंधे चौपट हो गए। जीएसटी की जटिलताओं ने व्यापारियों को उलझा दिया। कहीं न कहीं नोटबंदी और जीएसटी भी लोकसभा के इस चुनाव में एनडीए का कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं।
 
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4. भगोड़े अपराधियों का मुद्दा : विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे उद्योगपति देश के बैंकों को अरबों का चूना लगाकर विदेश भाग गए। विपक्ष इन भगोड़े अपराधियों को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधता रहा कि सरकार की कमजोरी के कारण से ये उद्‍योगपति देश से भागने में कामयाब हुए। कांग्रेस ने तो विजय माल्या और नीरव मोदी को संरक्षण जैसे आरोप भी मोदी सरकार पर लगाए हैं।
 
5. बसपा-सपा और महागठबंधन : विभिन्न राज्यों में बना विपक्ष का महागठबंन भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में चुनौती साबित होगा। मोदी के खिलाफ ममता, चन्द्रबाबू नायडू, शरद पवाद, तेजस्वी यादव, एमके स्टालिन जैसे क्षत्रपों का एक मंच पर आना इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है। उत्तरप्रदेश में एक-दूसरे के विरोधी सपा और बसपा भी लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ हुंकार भरेंगे। कहा जा रहा है कि भाजपा को बड़ा नुकसान यूपी से हो सकता है।

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