पुणे। 14 बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। राकांपा के 78 वर्षीय नेता ने कहा कि उनके परिवार के दो युवा लोग चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए किसी को तो पीछे हटना ही था। असल में पवार ने अपनी बेटी और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले व अपने भतीजे के बेटे पार्थ पवार के चुनाव में उतरने के कारण यह बड़ा फैसला लिया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि राकांपा प्रमुख ने चुनावी मुकाबले से इसलिए हटने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें हवा के रुख का अहसास हो गया है। पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद इस राज्यसभा सदस्य ने कहा कि चूंकि मैं 14 बार चुनाव जीत चुका हूं इसलिए मैंने (इस बार) चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि हमारे परिवार से किसी को तो पीछे हटना ही था और इस बार मैंने युवा नेतृत्व को अवसर देने का फैसला किया। मुझे लगा कि यह फैसला लेने का सही समय है। राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनके भतीजे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के बेटे पार्थ पवार मावल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।
शरद पवार ने कहा कि पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया के जयंत पाटिल ने मुझसे पार्थ को टिकट देने का अनुरोध किया था, क्योंकि उनकी पार्टी पार्थ के साथ काम करने को तैयार है। जयंत पाटिल की पार्टी ने मावल लोकसभा क्षेत्र के 6 में से 3 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि अन्य तीन निर्वाचन क्षेत्रों में भी हमारी सशक्त उपस्थिति है और हमने सोचा कि मावल से पार्थ को टिकट देकर युवा नेतृत्व को मौका दिया जाए। अजित पवार पुणे जिले से राकांपा विधायक हैं।
पवार ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि वे सोलापुर जिले में माढ़ा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ें। माढ़ा सीट का प्रतिनिधित्व उनकी पार्टी के विजयसिंह मोहिते पाटिल करते हैं। राकांपा के भीतर से काफी अनुरोध किया गया था कि मैं माढ़ा से चुनाव लडूं, हालांकि अभी मेरी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की गई है।
पवार की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा कि राकांपा नेता को हवा के रुख का अंदाजा हो गया है और यही कारण है कि माढ़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपनी योजना पर उन्होंने पुनर्विचार करने का फैसला किया। फडणवीस ने कहा कि इससे पता चलता है कि वे बदलाव को समझ चुके हैं और यह (पवार का चुनावी मुकाबले से हटना) भाजपा के लिए बड़ी जीत है। (भाषा)