भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर संघ सक्रिय हो गया है। आम चुनाव की तारीखों के एलान से पहले ग्वालियर में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की सर्वोच्च ईकाई प्रतिनिधि सभा की बैठक हो रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रही संघ की सर्वोच्च इकाई की इस बैठक के पीछे कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।
शहर के केदारपुर धाम में हो रही बैठक में वैसे तो संघ प्रत्यक्ष तौर पर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश विवाद मामले और संयुक्त परिवार के विघटन बैठक का मुख्य एजेंडा है। लेकिन सूत्र बताते है कि संघ इस बैठक के जरिए लोकसभा चुनाव का पूरा प्लान तैयार कर रही है। बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी अध्यक्ष ग्वालियर पहुंच रहे हैं।
तीन दिन चलने वाली बैठक में अमित शाह पार्टी की पूरी चुनावी रणनीति को संघ के साथ साझा करेंगे। अमित शाह संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित संघ के बड़े नेताओं के सामने पार्टी और सरकार के पांच साल के कामकाज की रिपोर्ट भी पेश करेंगे।
वहीं पार्टी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल को संघ की बैठक को सामान्य बैठक बताते हुए कहते हैं कि इसको चुनाव से नहीं जोड़ जाना चाहिए। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बैठक में शामिल होने रजनीश कहते हैं कि संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में तमाम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
हालांकि रजनीश ये मानते है कि संघ के मार्गदर्शन का लाभ बीजेपी राजनीतिक संगठन के तौर पर लेती है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भी संघ सक्रिय हुआ था लेकिन तब संघ के प्रदेश बीजेपी संगठन से नाराजगी की खबरें काफी सुर्खियों में रही थी।
संघ ने बीजेपी से कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की बात कही थी लेकिन बीजेपी ने अपने सीटिंग विधायकों पर भरोसा जताया था। बाद में चुनावी परिणाम में पार्टी कांग्रेस से पिछड़ते हुए सूबे में सरकार बनाने से चूक गई थी। इससे सबक लेते हुए पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले व्यूह रचना बनाने में जुट गई है।
पिछले दिनों एयर स्ट्राइक के मुद्दें पर जिस तरह संघ बीजेपी के समर्थन में खुलकर सामने आया था। उसके बाद ये तय है कि.इस बार के लोकसभा चुनाव में मोदी को फिर सत्ता में लाने के लिए संघ की भूमिका बहुत ही अहम साबित होगी।