परिचय : यह ओडिशा का एक प्राचीन नगर है, जो सिल्वर सिटी के नाम से भी जाना जाता है। इसका इतिहास एक हजार वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। केशरी वंश के समय यहां बने सैनिक शिविर कटक के नाम पर इस शहर का नाम रखा गया। करीब नौ शताब्दियों तक कटक ओड़िशा की राजधानी रहा और आज यहां की व्यावयायिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। प्राचीन काल में इसे पद्मावती के नाम से भी जाना जाता था।
जनसंख्या : वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक कटक शहर की जनसंख्या करीब 6.06 लाख है।
अर्थव्यवस्था : यह आर्थिक व्यवस्था का केंद्र रहा है। यह अपने सुंदर हस्तशिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां के पिपली गांव में विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां देखी जा सकती हैं। ताराकाशी यहां का प्रसिद्ध हस्तशिल्प है।
मतदाताओं की संख्या : लोकसभा चुनाव 2014 के मुताबिक इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 13 लाख 71 हजार 617 है, जिसमें 7 लाख 31 हजार 918 पुरुष और 6 लाख 39 हजार 699 महिलाएं हैं।
भौगोलिक स्थिति : यह शहर महानदी और उसकी सहायक नदी काठजोड़ी के मिलन स्थल पर बना है। यह राजधानी भुवनेश्वर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
16वीं लोकसभा में स्थिति : बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब यहां सांसद हैं। वे लोकसभा चुनाव 2014 में यहां से विजयी हुए हैं। यहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पंचलिंगेश्वर श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है।