हस्तरेखा के अनुसार जिनके दाहिने हाथ पर चंद्र के उभरे तारे का चिह्न है और जिनकी अंत:करण रेखा शनि के ग्रह पर ठहरती है, ऐसे व्यक्तियों को आकस्मिक लाभ मिलता है।
जिनके दाहिने हाथ की रेखा बुध से निकलने वाली रेखा चंद्र के पर्वत से जा मिलती है और जिनकी जीवनरेखा भी चंद्र पर्वत पर जाकर रुक जाती है ऐसे व्यक्तियों को अचानक भारी धन लाभ होता है।
जिनकी भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से निकलकर प्रभावी शनि में संपूर्ण विलीन हो जाती है, ऐसे भाग्यवान व्यक्तियों को अल्पकालीन धनलाभ होता है।
जिनके दाहिने हाथ पर दोहरी अंत:करण रेखा है और गौण रेखा बुध तथा शनि के ग्रहों से जुड़ी हुई है, ऐसे व्यक्तियों को भी अचानक भारी लाभ होगा।
इसके विपरीत जिनके हाथों की आयुष्य रेखा नेपच्युन ग्रह पर गई हों, चंद्र और नेपच्युन पर्वत एक-दूसरे में घुल-मिल गए हों, अंत:करण रेखा गुरु पर्वत पर ठहर गई हो, जिनके शनि के उभरे हुए भाग पर फुली पड़ गई हो, ऐसे व्यक्तियों को रेस, लॉटरी इत्यादि में धनलाभ कभी नहीं होगा। उनका पूरा जीवन कड़ा परिश्रम करने में ही गुजरता है। वे पैसे गंवाकर कंगाल बने रहते हैं।