* जन्म पत्रिका बताती है कि कौन-सी दिशा अनुकूल रहेगी आपके लिए, जानिए
अक्सर अपनी जन्म पत्रिका का परीक्षण करवाते समय लोगों का प्रश्न होता है कि किस दिशा में उन्हें सफलता प्राप्त होगी या किस दिशा में उनका विवाह होगा इत्यादि।
सामान्यत: कहें तो वे यह जानना चाहते हैं कि कौन सी दिशा उनके लिए अनुकूल रहेगी? दिशाओं की संख्या 10 होती है। ज्योतिष शास्त्र में दिशा की अनुकूलता उस दिशा के अधिपति ग्रह की जन्म पत्रिका में स्थिति से ज्ञात होती है।
जन्म पत्रिका में जो ग्रह सर्वाधिक शुभ व बलवान स्थिति में होता है, उस ग्रह की दिशा में जातक को सफलता प्राप्त होती है। जन्म पत्रिका के शुभ एवं बलवान ग्रहों की दिशाएं जातक के लिए अनुकूल होती हैं। इसके अतिरिक्त भावेश की भावास्थिति एवं भाव में स्थित राशि से भी दिशा की अनुकूलता व प्रतिकूलता का निर्णय किया जाता है।
उदाहरणार्थ यदि विवाह किस दिशा में होगा, यह जानना है तो सप्तमेश एवं सप्तम भाव में स्थित ग्रहों में से जो ग्रह सर्वाधिक बलवान व शुभ स्थिति में होगा, उस ग्रह की अधिष्ठित दिशा में विवाह होने की संभावना प्रबल होगी।
यदि प्रश्न आजीविका किस दिशा में प्राप्त होगी, इससे संबंधित है तो दशमेश व दशम भाव के अधिपति की शुभाशुभ स्थिति अनुकूल दिशा का निर्णय करने में सहायक होती है।
आइए जानते हैं कि कौन से ग्रह किस दिशा के अधिपति होते हैं?
1. सूर्य- पूर्व
2. चन्द्र- वायव्य
3. मंगल- दक्षिण
4. बुध- उत्तर
5. गुरु- ईशान
6. शुक्र- आग्नेय
7. शनि- पश्चिम, नैऋत्य
(राहु-केतु के छाया ग्रह होने से इन्हें क्रमश: शनि व मंगल के सदृश माना गया है।)
राशियां भी होती हैं दिशाओं की स्वामी-
ग्रहों के अतिरिक्त समस्त 12 राशियां भी दिशाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। जानिए कौन सी राशि किस दिशा का प्रतिनिधित्व करती है?
पूर्व दिशा- मेष, सिंह, धनु
दक्षिण दिशा- वृष, कन्या, मकर
पश्चिम दिशा- मिथुन, तुला, कुंभ
उत्तर दिशा- कर्क, वृश्चिक, मीन।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
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