Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

क्या आपकी कुंडली में है प्यार के रंगीन सितारे...

क्या आपकी कुंडली में है प्यार के रंगीन सितारे...
- नेहा रमाकांत शर्मा 
 
लव-मैरिज का मतलब होता है अपनी पसंद से विवाह करना, अब चाहे लाइफ पार्टनर हमारी जाति के हों या नहीं।
 
* किसी भी व्यक्ति की कुंडली में पांचवें भाव से प्रणय संबंधों का पता चलता है जबकि सातवां भाव विवाह से संबंधित है। शुक्र सातवें भाव का कारक ग्रह है अतः जब पंचमेश-सप्तमेश एवं शुक्र का शुभ संयोग होता है तो पति-पत्नी दोनों में गहरा स्नेह संबंध होता है। ऐसी ग्रह स्थिति में प्रेम विवाह संभव है। 
* शुक्र सप्तमेश (सेवंथ हाउस में मौजूद राशि का स्वामी) से संबंधित होकर पाँचवें भाव में बैठा हो तो भी प्रेम विवाह संभव होता है।
 
* पंचमेश व सप्तमेश का राशि परिवर्तन हो तो भी प्रेम विवाह संभव होता है। यानी पांचवी राशि सातवें घर में बैठी हो और सातवीं राशि पांचवें घर में। 
 
* मंगल, शुक्र का परस्पर दृष्टि प्रेम विवाह का परिचायक है। 
 
* पंचम या सप्तम भाव में सूर्य एवं हर्षल की युति होने पर भी प्रेम विवाह हो सकता है। 
 
इस प्रकार के योग यदि जन्म कुंडली में होते हैं, तब प्रेम विवाह के योग बनते हैं। यह जरूरी नहीं है कि प्रेम विवाह मतलब जाति से बाहर विवाह होना। लव मैरिज यानी जहां आपका दिल कहे वहां शादी। तो लव और मैरिज दोनों से पहले अपना होरोस्कोप जरा चैक कीजिए।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

जन्मपत्रिका से जानिए प्रेम विवाह के योग