Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

ज्योतिष के यह योग बनाते हैं चरित्रहीन, पढ़ें ज्योतिष विश्लेषण

ज्योतिष के यह योग बनाते हैं चरित्रहीन, पढ़ें ज्योतिष विश्लेषण
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

* कौन से योग बनाते हैं जातक को व्यभिचारी, पढ़ें ज्योतिषीय जानकारी... 
 
वर्तमान समय में देश में दुष्कर्म की घटनाओं में वृद्धि हुई है। काम-क्रोध आदि षड्विकार सभी मनुष्यों में पाए जाते हैं। 'काम' (सेक्स) को जीवन का अभिन्न अंग माना गया है। 'काम' सृष्टि परिचालन का आधार है। किंतु जब व्यक्ति के जीवन में 'काम' (सेक्स) असंयमित व अनियंत्रित होकर अपनी सीमाओं का उल्लंघन कर जाता है तब यह समाज में व्यभिचार का कारण बनता है।

 
व्यक्ति के चारित्रिक पतन के लिए देश-काल-परिस्थिति, समाज व शिक्षा व्यवस्था सभी कारक हो सकते हैं किंतु ज्योतिषीय ग्रहयोग भी व्यक्ति के चारित्रिक पतन के अहम कारक होते हैं। जन्म पत्रिका में कुछ विशेष ग्रह योगों के सृजन से जातक चारित्रिक रूप से पतित होकर व्यभिचारी तक बन जाता है।

ऐसा जातक अपनी वासनापूर्ति के लिए सामाजिक मर्यादाओं व सीमाओं को लांघने में तनिक भी संकोच नहीं करता। यदि इस प्रकार के ग्रहयोग जन्म पत्रिका में हों, तो व्यक्ति को अत्यंत सावधान रहना चाहिए।

 
आइए जानते हैं वे कौन से ग्रहयोग होते हैं, जो व्यक्ति के चारित्रिक पतन का कारण बनते हैं-
 
ज्योतिष में शुक्र को भोग-विलास का कारक माना गया है। शुक्र प्रधान व्यक्तियों में काम-भावना का अतिरेक पाया जाता है। यदि जन्म पत्रिका में शुक्र नीचराशिस्थ हो, चन्द्र नीचराशिस्थ हो एवं शुक्र व चन्द्र पर क्रूर ग्रहों, विशेषकर मंगल का प्रभाव हो तो यह योग व्यक्ति को चारित्रिक रूप से पतित कर देता है। मंगल एक क्रूर व उत्तेजनात्मक ग्रह है। 
 
जब मंगल का प्रभाव शुक्र पर पड़ता है तब व्यक्ति अपनी लैंगिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किसी भी सीमा का उल्लंघन कर सकता है। शुक्र-मंगल युति, मंगल का शुक्र की राशि में स्थित होना, शुक्र-मंगल का दृष्टि संबंध आदि योग भी व्यक्ति के चारित्रिक पतन का कारण बनते हैं, वहीं यदि इन ग्रहयोगों के साथ राहु-केतु का लग्न या लग्नेश पर प्रभाव हो तो व्यक्ति आपराधिक प्रवृत्ति का होकर अपनी वासनापूर्ति करता है। 
 
इन योगों में जातक को विपरीत लिंगियों के कारण लांछन लगता है। अत: यदि जन्म पत्रिका में इन ग्रह योगों का सृजन हो तो व्यक्ति को तत्काल इन दुर्योगों की विधिवत शांति करवाकर अत्यंत संयमित होकर अपना जीवन-यापन करना चाहिए।
 
-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

25 अप्रैल 2018 का राशिफल और उपाय...