Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

पार्टनर के कंडोम में छेद करने पर महिला को सजा मिली

DW
शुक्रवार, 6 मई 2022 (19:19 IST)
जर्मनी की एक अदालत ने एक महिला को अपने पार्टनर के कंडोम में बिना बताए छेद करने के कारण कपट का दोषी मानते हुए 6 महीने जेल की सजा सुनाई है। महिला जज ने इसे जर्मन कानून में ऐतिहासिक मामला करार दिया है।

पश्चिमी जर्मनी की एक अदालत ने एक महिला को यौन दुर्व्यवहार का दोषी मानते हुए छह महीने के निलंबित जेल की सजा सुनाई है। महिला को जानबूझकर अपने पार्टनर के कंडोम को नुकसान पहुंचाने का दोषी माना गया है। जर्मन मीडिया ने यह खबर दी है।

सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि जर्मन कानून के इतिहास की किताबों में यह एक अनोखा मामला है। इसमें कपट का अपराध किया गया है लेकिन यह काम एक महिला ने किया है।

आखिर ये मामला क्या है?
पश्चिमी जर्मनी की बिलेफेल्ड की क्षेत्रीय अदालत ने यह सजा सुनाई है। इस बारे में स्थानीय अखबार नॉये वेस्टफेलिशे और जर्मनी के प्रमुख अखबार बिल्ड ने खबर छापी है।

यह मामला एक 39 साल की महिला से जुड़ा है जिसका फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स जैसा संबंध 42 साल के एक पुरुष के साथ था। दोनों की मुलाकात 2021 में किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुई और फिर इनके बीच अनौपचारिक सेक्स का एक रिश्ता बन गया।

अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक महिला के मन में अपने पार्टनर के प्रति गहरा प्यार पैदा हो गया लेकिन वो जानती थी कि वह इस रिश्ते में किसी तरह की प्रतिबद्धता नहीं चाहता है।

इस महिला ने जानबूझकर और उसे बताए बगैर उसके कंडोम में छेद कर दिए जो उसके पार्टनर ने उसके घर रखे थे। वह गर्भवती होना चाहती थी, हालांकि उसकी कोशिशें कामयाब नहीं हो सकीं।

इतना ही नहीं उसने बाद में अपने पार्टनर को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजा कि उसे लगता है कि वह गर्भवती है और उसने यह भी बताया कि जानबूझकर उसने कंडोम में छेद कर दिए थे।

इसके बाद उसके पार्टनर ने उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया। महिला ने भी यह स्वीकार किया कि वह अपने पार्टनर के साथ चालाकी से काम निकालने की कोशिश कर रही थी।

यह मामला ऐतिहासिक क्यों है?
अभियोजक और अदालत इस बात पर सहमत हो गए थे कि इस मामले में अपराध हुआ है, हालांकि शुरुआत में वो यह तय नहीं कर पा रहे थे कि इस महिला के खिलाफ आखिर उसे किस आरोप में दोषी माना जाए। जज आस्ट्रिड सालेव्स्की ने कोर्ट में कहा, हमने यहां आज कानून का इतिहास लिखा है।

पहली जांच में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या इसे बलात्कार माना जाए। फिर जजों ने इस मामले में कानून की समीक्षा करने के बाद इसे यौन दुर्व्यहार का मामला माना और महिला को कपट का दोषी माना।

कपट के आरोप आमतौर पर तब लगते हैं जब कोई पुरुष सेक्स के दौरान चुपके से कंडोम निकाल देता है और उसके पार्टनर को यह बात पता नहीं चलती।

जज सालेव्सकी ने अपने फैसले में कहा, यह प्रावधान दूसरे पक्ष पर भी लागू होता है। कंडोम को बिना पुरुष की जानकारी या फिर सहमति के बेकार कर दिया गया। सालेव्स्की का कहना है, ना का मतलब यहां भी ना होगा।

अदालत ने महिला को निलंबित सजा सुनाई है यानी उसे जेल तो नहीं जाना होगा लेकिन उसे एक सजायाफ्ता मुजरिम माना जाएगा और हो सकता है कि उसकी नौकरी या दूसरे कुछ मामलों में दिक्कत का सामना करना पड़े।

रिपोर्ट : रेबेका श्टाउडेनमायर

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

Wayanad Election : प्रियंका गांधी ने घोषित की संपत्ति, जानिए कितनी अमीर हैं कांग्रेस महासचिव

cyclone dana : पश्चिम बंगाल-ओडिशा की तरफ तेजी से बढ़ रहा चक्रवात 'दाना', 5 राज्यों में NDRF की 56 टीम तैनात, 150 ट्रेनें रद्द

Jharkhand Election : झारखंड मुक्ति मोर्चा की दूसरी सूची जारी, रांची से चुनाव लड़ेंगी महुआ माजी

આગળનો લેખ